अहमदाबाद: गुजरात में ''भारत बंद'' को कामयाब बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा जारी कवायद के बीच मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि राज्य के किसान एक ''राजनीतिक आंदोलन'' का समर्थन नहीं करेंगे, जोकि किसानों के नाम पर केंद्र सरकार के खिलाफ आयोजित किया जा रहा है। रूपाणी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज के सभी वर्गों का समर्थन खो चुकी है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पूर्व में ही कृषि कानूनों में संशोधन का वादा किया था जिन्हें नए कृषि कानूनों में शामिल किया गया है। वहीं, गुजरात की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पार्टी विधायकों और स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें किसानों का समर्थन करने को कहा, जिन्होंने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया है।
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता जयराज सिंह परमार ने कहा कि चावड़ा ने भारत बंद के समर्थन में कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमएसी) को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सभी मंडियों को बंद रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि चावड़ा ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से लोगों पर जबरन बंद का दबाव नहीं डालने लेकिन बंद का समर्थन करने का अनुरोध करने को कहा है।
उधर, प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री रूपाणी ने इस मामले में कांग्रेस पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी ने अपने 2019 के चुनावी घोषणापत्र में एपीएमसी अधिनियम को रद्द करने का वादा किया था। उन्होंने इसे विपक्षी दलों द्वारा आयोजित ''राजनीतिक आंदोलन'' करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, '' हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बंद के नाम पर कानून-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो। बंद के दौरान गैर-कानूनी कृत्यों में शामिल पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।''