Thursday, November 21, 2024
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अब सड़क मार्ग से नहीं 'ट्रक ऑन ट्रेन' से भेजे जाएंगे दूध के टैंकर, एक बार में पहुंचेगा 7,50000 लीटर मिल्क

सड़क मार्ग से न्यू रेवाड़ी तक दूध का टैंकर ले जाने में 30 घंटे का समय लगता था, जो कि अब 'ट्रक ऑन ट्रेन' की सुविधा शुरू होने से ये समयावधि घटकर सिर्फ 15 घंटे हो जाएगा। एक ट्रेन के अंदर 30 हजार लीटर दूध से भरे 25 टैंकर जाएंगे।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: June 11, 2023 11:38 IST
'ट्रक ऑन ट्रेन से भेजे जाएंगे दूध के टैंकर- India TV Hindi
'ट्रक ऑन ट्रेन से भेजे जाएंगे दूध के टैंकर

गुजरात के बनासकांठा के बनास डेयरी से 'ट्रक ऑन ट्रेन' से दूध के टैंकर भेजने का ट्रायल शुरू हुआ। बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी ने पालनपुर के करजोड़ा रेलवे स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। सड़क मार्ग से न्यू रेवाड़ी तक दूध का टैंकर ले जाने में 30 घंटे का समय लगता था, जो कि अब 'ट्रक ऑन ट्रेन' की सुविधा शुरू होने से ये समयावधि घटकर सिर्फ 15 घंटे हो जाएगा। यानी 'ट्रक ऑन ट्रेन' से दूध के टैंकर लाने पर अब सीधे 15 घंटे की बचत होगी। एक ट्रेन के अंदर 30 हजार लीटर दूध से भरे 25 टैंकर जाएंगे। एक ट्रेन में पालनपुर से न्यू रेवाड़ी तक 7,50000 लीटर दूध जाएगा।

सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है भारत

बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वहीं, अमूल देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी है। दूध उत्पादन के लिए अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय काफी व्यस्त रहता है, जिसे फ्लश सीजन भी कहा जाता है। दरअसल, इस अवधि के दौरान ज्यादा गर्मी नहीं रहती, मौसम ठंडा रहता है। अच्छे मौसम के कारण दूध उत्पादन 25-30 फीसदी तक बढ़ जाता है। वहीं, दूध उत्पादकों के साथ-साथ डेयरी कंपनियों के लिए भी ये समय काफी व्यस्त रहता है, क्योंकि इस दौरान कंपनियां सबसे ज्यादा दूध खरीदती हैं।

                                       - बनासकांठा से रतन सगिया की रिपोर्ट

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