Sunday, January 12, 2025
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गोधरा दंगों के बाद हथियार सप्लाई करने वाली महिला 18 साल बाद गिरफ्तार

गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद के दंगों का बदला लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की आरोपी 52 वर्षीय महिला को गुजरात एटीएस ने 18 साल बाद पकड़ लिया।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jan 26, 2024 16:29 IST, Updated : Jan 26, 2024 16:29 IST
gujarat ats
Image Source : FILE PHOTO गुजरात एटीएस को मिली बड़ी सफलता

गुजरात में 2002 में हुए गोधरा दंगे हुए थे। इन दंगों का बदला लेने के लिए एक महिला हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया करती थी। इस आरोपी 52 वर्षीय महिला को अब गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 18 साल बाद पकड़ लिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एटीएस ने एक विशिष्ट सूचना के आधार पर 23 जनवरी को वटवा इलाके के एक घर से अंजुम कुरैशी उर्फ ​​अंजुम कानपुरी को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने बताआ है कि महिला को तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और उसपर 2005 में आर्म्स एक्ट के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

गोधरा दंगों से जुड़े लोगों की वापस ली गई सिक्योरिटी 

वहीं पिछले महीने ही गुजरात सरकार ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगों के मामलों में जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के गवाह संरक्षण प्रकोष्ठ की सिफारिश पर 95 गवाहों की सुरक्षा वापस ले ली है। एसआईटी ने दंगा पीड़ितों के मामलों में पैरवी कर रहे एक वकील और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को दिया गया केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का सुरक्षा घेरा भी वापस ले लिया है। सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) एफ ए शेख ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी के गवाह संरक्षण प्रकोष्ठ की सिफारिश के आधार पर अहमदाबाद पुलिस ने नरोदा गाम, नरोदा पाटिया और गुलबर्ग सोसाइटी जैसे दंगों के अनेक मामलों में 95 गवाहों को दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ले ली है।’’

नरोदा गाम के बाद गुजरात दंगों के अन्य मामलों पर नजर

गौरतलब है कि गोधरा कांड के बाद अहमदाबाद के नरोदा गाम में हुई हिंसा के मामले में गुजरात की विशेष अदालत द्वारा राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत सभी 67 आरोपियों को बरी किये जाने के बाद अब ध्यान गुजरात दंगों के ऐसे अन्य मामलों की स्थिति पर है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल ने गोधरा कांड के बाद नरोदा गाम मामले के अलावा 2002 में हुए सात अन्य दंगों के मामलों में जांच की है। 

मालूम हो कि गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में आग लगा दी गयी थी जिसमें अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की जलने से मौत हो गयी थी। यह शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी की निगरानी वाला नौवां मामला था।

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