
सूरत की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने नोएडा से आसाराम के कट्टर साधक तामराज साहू को गिरफ्तार कर लिया है। तामराज साहू पर आसाराम के खिलाफ आवाज उठानेवालों की चुन-चुनकर हत्या करने का आरोप है। तामराज पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा। पिछले 10 साल से पुलिस उसे तलाश रही थी। वह अपना नाम और धर्म बदलकर नोएडा में रह रहा था।
वर्ष 2014 में आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ में सूरत में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस में जो गवाह थे उनपर हमला करने के लिए एक गैंग बनाया गया। इस गैंग का लीडर तामराज साहू और कार्तिक था। जो भी आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाह बनाता था, यह गैंग उन सभी लोगों को डराने धमकाने और फिर हमला कर हत्या करने की कोशिश करता था। गवाहों पर हमला करने और जिंदा जलाने की कोशिश के मामले भी दर्ज हुए थे। पिछले 10 साल से तामराज साहू को पुलिस तलाश रही थी।
तामराज साहू ने एक गवाह के जबड़ें और पीठ पर चाकू से हमला किया था। लेकिन हमले में उस गवाह की जान बच गई थी। ऐसे ही एक गवाह दिनेश चंदानी थे। उनपर एसिड से हमला किया गया था। बेकरी का धंधा करनेवाले राकेश जयंतीलाल पटेल पर भी छुरे से हमला हुआ। सूरत में तीन गवाहों पर हमला किया गया था। वहीं यूपी के गाजियाबाद के एक गवाह अखिल गुप्ता पर भी जानलेवा हमले का आरोप है। बापू के आश्रम में रसोइया था जिसके ऊपर फायरिंग की गई थी।
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में प्रकाश प्रजापति और उसकी पत्नी सीमा ने भी आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी। उनकी गाड़ी पर भी 8 से 10 राउंड फायरिंग हुई थी। गनीमत रहा कि दोनों पति पत्नी बच गए थे। पानीपत हरियाणा में आसाराम के खिलाफ मीडिया में बयान देनेवाले महेंद्र चावला नामक शख्स को मारने के लिए उनके घर में घुसकर भी फायरिंग की गई थी, पर महेंद्र चावला पहली मंजिल से कूदकर भागने में सफल हो गए। हरियाणा पुलिस ने तामराज साहू पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। वह छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक बैंक डकैती में भी शामिल था। इस मामले में पुलिस ने उसे पकड़ भी लिया था पर पुलिस पर हमला कर आंख में मिर्ची डालकर वह फरार हो गया। महाराष्ट्र के बुलढाना इलाके में पुलिस को दो डेड बॉडी मिली थी, उस मामले में भी तामराज साहू का हाथ होने की पुलिस को शंका है। दोनों पहले आसाराम के साधक थे, बाद में उनके विरोधी बन गए थे, बाद में दोनों की हत्या हो गई।
अपना नाम और धर्म बदलकर रह रहा था आरोपी
वर्ष 2016 से उसने अपना धर्म बदल दिया और क्रिश्चियन धर्म अंगीकार कर नोएडा में रह रहा था। उसने अपना नाम भी बदल दिया था। पुलिस डायरी में उनका नाम तामराज साहू था, बाद में उसने धर्म के साथ नाम भी बदल लिया। वह राज स्टीफन के नाम से रहने लगा।
सूरत क्राइम ब्रांच उसकी 10 साल से तलाश कर रही थी पर पुलिस को कोई भनक नहीं लग रही थी। पिछले 8 महीने से सूरत क्राइम ब्रांच ने खबरी नेटवर्क और इंटेलिजेंस की मदद से उसे यूपी के नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस को प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि वह 9 मामलों में फरार चल रहा था। पुलिस अब जांच कर रही है कि पिछले 10 साल से वह कहां छिपा था, उसको पैसे की फंडिंग कौन कर रहा था उसकी जांच कर रही है। आसाराम और नारायण साईं के जेल जाने के बाद उसने अपना नाम और धर्म भी बदल दिया था। वह आसाराम का इतना करीबी था कि आसाराम जहां भी जाते थे वह उनके साथ ही रहता था, उनके कोर ग्रुप में शामिल था।
तामराज आसाराम का कट्टर समर्थक था और बापू के खिलाफ जो भी गवाही देता था उन सभी को मारने की ठान ली थी। उसका साथी कार्तिक 10 साल पहले ही पकड़ा गया था जो अभी भी जेल में है। सूरत क्राइम ब्रांच अब दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ भी संपर्क है और सभी राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर यह जांच करेगी कि उनके दूसरे साथी भी हैं या नहीं?
तामराज ने नाम बदलने के बाद अपना फर्जी आधारकार्ड और सभी सरकारी डॉक्यूमेंट राज स्टीफन के नाम से बना लिए। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि मैं छोटे मोटे काम करके कमा लेता हूं पर पुलिस को उनकी बात पर भरोसा नहीं है। पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि उसे जो पैसे मिलते थे उसकी फंडिंग कौन करता था।