Wednesday, September 18, 2024
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भारी बारिश के बीच गुजरात के कच्छ में रहस्यमयी बीमारी का कहर जारी, 6 दिन में 15 मौतें

चांदीपुरा वायरस के बाद अब एक रहस्यमयी बीमारी ने गुजरात के अधिकारियों के बीच काफी चिंता पैदा कर दी है। कच्छ के लखपत और अबडासा तालुका में 6 दिनों में 15 लोगों की मौत हो गई है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: September 11, 2024 19:22 IST
अस्पताल में भर्ती मरीज- India TV Hindi
Image Source : IANS अस्पताल में भर्ती मरीज

गुजरात के कच्छ जिले में भारी बारिश के कारण इस क्षेत्र में फैले रहस्यमयी बुखार ने और विकराल रूप ले लिया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस अज्ञात बीमारी के कारण लखपत और अबडासा तालुका में 15 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। इस स्थिति ने गुजरात के अधिकारियों के बीच काफी चिंता पैदा कर दी है। मामले की जांच करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी और जि‍ले के स्वास्थ्य आयुक्त मामलों पर निगरानी बनाए हुए हैं। अज्ञात बीमारी के बारे में ज्‍यादा जानकारी जुटाने के साथ स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाने के लिए संदिग्ध मामलों के नमूने को टेस्‍ट के लिए पुणे भेजा गया है।

लखपत गांव का दौरा करेंगे स्वास्थ्य मंत्री

मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल स्थिति का आकलन करने के लिए लखपत गांव का दौरा करेंगे। इसके साथ ही वह स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उनके साथ शिक्षा राज्य मंत्री और कच्छ जिले के प्रभारी प्रफुल पनसेरिया भी होंगे। वे दोनों मिलकर लखपत और अब्दासा तालुका में संदिग्ध बुखार के मामलों की विस्तृत समीक्षा करेंगे।

मंत्री पनसेरिया ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "बुखार के मामलों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है। हम तत्काल एक्शन लेंगे। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए लोगों की स्वास्थ्य स्थितियों का आकलन करेंगे।" स्वास्थ्य मंत्री ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए कच्छ जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक भी की।

सभी मृतक जाट मालधारी जनजाति के

इस बुखार के लक्षण न्यूमोनाइटिस से मिलते जुलते हैं, फिर भी रैपिड रिस्पांस टीम मौतों का सही कारण जानने के लिए आगे की जांच कर रही है। पशुपालन विभाग ने किसी भी जूनोटिक बीमारी (जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है) की संभावना से इनकार किया है, हालांकि सभी मृतक जाट मालधारी जनजाति के थे, जो गुजरात के सूखे इलाकों में रहने वाले एक पशुपालक समुदाय हैं।

गुजरात सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) से नमूनों की जांच विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं के लिए करने का अनुरोध किया है, जिनमें क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर (सीसीएचएफ), स्क्रब टाइफस, चांदीपुरा वेसिकुलोवायरस (सीएचपीवी), जापानी इंसेफेलाइटिस और यहां तक ​​कि प्लेग भी शामिल है।

संक्रामक रोग का प्रकोप?

स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक रोग के प्रकोप की संभावना को खारिज कर दिया है क्योंकि एक साथ कई लोगों में संक्रमण के मामले नहीं पाए गए हैं। स्वास्थ्य सर्वेक्षण में पहचाने गए 27 संपर्कों और लक्षण वाले व्यक्तियों में से, रैपिड रिस्पांस टीम को केवल दो मामले फाल्सीपेरम मलेरिया, दो मामले स्वाइन फ्लू और एक मामला डेंगू का मिला है। (IANS इनपुट्स के साथ)

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