Highlights
- अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट को लेकर आज फैसला सुनाएगी कोर्ट
- गुजरात पुलिस ने 30 दिनों में आरोपियों को दबोच लिया था
- इसमें 56 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे
26 जुलाई, 2008, शनिवार का दिन। अहमदाबाद के लोग अपने काम में व्यस्त थे। कोई कॉफ़ी पी रहा था तो कोई हॉस्पिटल में परिजन से मिलने जा रहा था तो कोई फिल्म का मज़ा ले रहा था, लेकिन शाम होते ही शहर सीरियल बम ब्लास्ट से दहल उठा। शहर में 70 मिनट में ही एक के बाद एक 20 स्थानों पर 21 ब्लास्ट हुए। जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। स्पेशल कोर्ट द्वारा इस सीरियल बम ब्लास्ट का फैसला 8 फरवरी को किया जायेगा।
शहर के सिविल अस्पताल, मणिनगर, बापूनगर समेत जिन जगहों पर 21 बम ब्लास्ट किये गए थे। अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस को गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया और तत्कालीन क्राइम ब्रांच डीसीपी अभय चुडासमा समेत पुलिस अफसरों की टीम के दबंग अफसरों ने महज़ 19 दिन में ही सुलझा कर आरोपियों को 30 दिनों में ही अपराधियों को दबोच लिया था।
अहमदाबाद के इन इलाकों में हुए थे ब्लास्ट-
हाटकेश्वर
नरोडा
सिविल अस्पताल
एलजी अस्पताल
नारोल सर्आज
जवाहर चौक
गोविन्द वाडी
इसनपुर
खाडिया
रायपुर चआजा
सरखेज
सारंगपुर
ठक्करबापा नगर
बापूनगर
ब्लास्ट की ज़िम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन हरकत उल जिहाद अल इस्लामी ने ली थी, जिसके मुख्य सूत्रधार और मास्टर माइंड थे इकबाल, यासीन और रियाज़ भटआज। यासीन भटआज फिलहाल दिल्ली जेल में अन्य केस में कैद है, उसके खिलाफ अब केस रिओपन होगा।
बम ब्लास्ट की टाईम लाइन
गोधराकांड के बाद हुए दंगो का बदला लेने षड्यंत्र हुआ
वाघमोर के जंगलो में ब्लास्ट की तालीम ली
आतंकियों की एक टीम ट्रेन द्वारा अहमदाबाद पहुंची
मुंबई से कार में विस्फोटक लाये गए
कार से अहमदाबाद और सूरत में विस्फोट पहुंचे
13 साइकिल खरीदी और स्थानिक स्लीपर सेल का उपयोग किया गया
मुफ़्ती अबू बशीर ने स्लीपर सेल तैयार किया था
अहमदाबाद पुलिस ने 99 आतंकियों की पहचान की
अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 शिकायतें दर्ज हुई और इन 35 केसेस को एक सतत जोड़ा गया
82 आतंकियों को पकड़ा गया
3 आतंकी पाकिस्तान फरार हो गए
3 आतंकी अलग अलग राज्यों में सजा काट रहे हैं
1 आरोपी सीरिया भाग गया
1 आरोपी एनकाउंटर में मारा गया
तो शहर बम ब्लास्ट से बाख गया होता
आई.बी. के तत्कालीन हेड कांस्टेबल ने चेतावनी दी थी
बलवंत सिंह ने सिमी द्वारा ग्रुप की रचना को लेकर दी थी जानकारी
साबरमती जेल में से उपयोग में लिए जाने वाले फ़ोन नंबर दिए थे
आतंकियों के नम्बरों समेत गुप्त रिपोर्ट दी थी
रिपोर्ट को फाइल में ही दबा दिया गया
ब्लास्ट के बाद कांस्टेबल को रु.250/- का इनाम दिया गया
इन अफसरों की टीम ने 19 दिन में केस सुलझाया
आशीष भाटिया, अभय चुडासमा, गिरीश सिंघल, हिमांशु शुक्ला, राजेन्द्र असारी, मयूर चावड़ा,उषा राडा, वि.आर.टोलिया
चार्ज शीट की फैक्ट शीट
1163 लोगों की गवाही ली गई
1237 गवाहों को निकाल दिया गया
6000 दस्तावेजी प्रूफ पेश किये गए
51 लाख पेज की 521 चार्जशीट फाइल की गई
9800 पेज की एक चार्जशीट थी
77 आरोपियों के खिलाफ 14 साल के बाद दलीलें पूर्ण हुई
7 जज बदले गए, कोरोना में भी डे टू डे केस चलाये गए