अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में ब्रिज ऑफ करप्शन के नाम से मशहूर हाटकेश्वर ब्रिज को गिराने का फैसला लिया गया है। ब्रिज के ऊपरी हिस्से के सभी स्पैन (स्लैब) तोड़े जाएंगे। बता दें कि इतिहास में पहली बार किसी स्टैंडिंग ब्रिज को तोड़ा जाएगा। इस पुल के निर्माण में अनियमितता करने वाले जिम्मेदार 4 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है।
50 साल का था दावा, 5 साल में गिराने की नौबत
अहमदाबाद शहर के विवादास्पद हाटकेश्वर में छत्रपति शिवाजी महाराज पुल को गिराने का निर्णय लिया गया है। हाटकेश्वर फ्लाईओवर ब्रिज पिछले 9 महीने से बंद है। जांच के नाम पर अब तक 4 एजेंसियों की रिपोर्ट आ चुकी है। सभी की रिपोर्ट में खराब मैटेरियल का खुलासा हुआ है, लेकिन म्युनिसिपल कॉरपोरेशन जिम्मेदार अधिकारियों और निर्माण करने वाली एजेंसी पर एक्शन लेने के बजाए जांच पर जांच करा रही है। कभी स्लैब की जांच होती है तो कभी पिलर की जांच हो रही। दावा किया गया था कि ये ब्रिज 50 साल तक चलेगा लेकिन ये 5 साल भी सही तरीके से नहीं चल सका।
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पुल की गुणवत्ता बेहद खराब
पुल का निरीक्षण सरकार के साथ-साथ निजी एजेंसियों द्वारा भी किया गया था। IIT रुडकी ने इस पुल की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और भारी वाहनों के लिए इसे प्रतिबंधित करने की सिफारिश की। चूंकि यह पुल पिछले कुछ वर्षों से जर्जर स्थिति में है, इसलिए स्थानीय लोगों ने सिस्टम को बार-बार खतरे के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। हाटकेश्वर पुल की गुणवत्ता पर संदेह जताते हुए आयुक्त ने तीन सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दिए। कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपी है। चूंकि इस पुल की गुणवत्ता बहुत खराब है और यह लोगों के लिए खतरनाक पाया जाता है, इसलिए इसे ध्वस्त करने का फैसला लिया गया है।