अहमदाबाद: आम आदमी पार्टी (AAP) की गुजरात इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष और आदिवासी नेता अर्जुन राठवा मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी में उनका स्वागत किया। राठवा ने पिछले सप्ताह आप से इस्तीफा दे दिया था। वह लगभग एक दशक तक आप के साथ रहे और लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा। आप से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि स्थानीय नेताओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है।
अर्जुन राठवा ने क्या कहा?
राठवा ने मंगलवार को कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए उसमें शामिल हुए हैं ताकि 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2013 से आप के साथ था क्योंकि न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लड़ना चाहता था। मैं गुजरात के लोगों के लिए भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहता था और लोगों को विभाजित करने वाली ताकतों का मैंने मुकाबला किया। मैंने कभी सत्ता की इच्छा नहीं की।’’ राठवा का कहना था कि आप और कांग्रेस की चुनौती के बावजूद भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भारी जनादेश के साथ गुजरात में सत्ता बरकरार रखी। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे मैं आप में रहूं या कांग्रेस में, मेरा एकमात्र उद्देश्य भाजपा से लड़ना है। देश में (2024 में) जो बदलाव होने जा रहा है, वह गुजरात में भी होगा। इसी उद्देश्य से मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं।’’
I.N.D.I.A. के घटक हैं कांग्रेस और आप
कांग्रेस और आप दोनों ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक हैं। उधर, मंगलवार को ही ‘विश्व हिंदुस्तानी संगठन पार्टी’ (VHSP) के अध्यक्ष आदित्य रावल ने अहमदाबाद में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संगठन का कांग्रेस में विलय कर दिया। रावल ने दावा किया कि वीएचएसपी के लगभग 8 लाख सदस्य हैं और उन्होंने 2024 के आम चुनावों में अपनी जीत के लिए कांग्रेस के साथ विलय करने का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोग विभिन्न मुद्दों और महंगाई के कारण भाजपा से निराश हैं, जिसे सत्तारूढ़ दल नियंत्रित करने में असमर्थ है। रावल ने कहा, ‘‘हम भाजपा को हराने के एकमात्र लक्ष्य के साथ काम करेंगे।’’ गोहिल ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए काम करती है। उन्होंने दावा किया, ‘‘भ्रष्टाचार और अहंकार के बीच लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जबकि कुछ ही लोग समृद्ध हो रहे हैं।’’
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