गुजरात विधानसभा के नव निर्वाचित 182 विधायकों में से करीब 40 के खिलाफ आपाराधिक मामले लंबित हैं। यह जानकारी ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) और ‘गुजरात इलेक्शन वॉच’ ने उनके हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर दी है। ADR के मुताबिक, इन 40 में से 29 के खिलाफ संगीन मामले दर्ज हैं- जैसे हत्या की कोशिश, बलात्कार आदि। इन 29 में से 20 भारतीय जनता पार्टी (BJP), चार कांग्रेस व दो आम आदमी पार्टी (AAP) से हैं। इनके अलावा एक निर्दलीय और एक समाजवादी पार्टी का विधायक है।
कौन-कौन सी पार्टी के हैं दागी विधायक
गुजरात विधानसभा के 8 दिसंबर को घोषित हुए चुनाव नतीजों में बीजेपी ने लगातार 7वीं बार सरकार बनाने के लिए जनादेश हासिल किया है। ADR के मुताबिक, बीजेपी के 156 विधायकों में से 26 (17 प्रतिशत), कांग्रेस के 17 विधायकों में से नौ (53 प्रतिशत), आप के पांच में से दो विधायक (40 प्रतिशत), तीन निर्दलीय में दो (68 फीसदी) और समाजवादी पार्टी के एकमात्र विधायक ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा की है।
2017 के मुकाबले संख्या में कमा आई है- ADR
ADR चुनाव सुधारों के लिए काम करता है और सभी 182 नए विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करता है। उसके विश्लेषण में कहा गया है कि 2017 की तुलना में आपराधिक मामलों का सामना करने वाले विधायकों की संख्या में कमी आई है। पिछली विधानसभा में 47 सदस्य आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे। कम से कम तीन विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश के आरोप में मामला दर्ज है। इनमें वांसदा से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल, पाटन से कांग्रेस विधायक कीर्ति पटेल और ऊना से भाजपा विधायक कालूभाई राठौर शामिल हैं।
4 विधायकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के तहत मामला दर्ज
विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि चार विजयी उम्मीदवारों ने IPC की धारा 354 (यौन उत्पीड़न) या धारा 376 (बलात्कार) के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इन चार में से भाजपा के जेठा भरवाड़ के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज है जबकि कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी, बीजेपी के जनक तलविया और AAP के चैतर वसावा के खिलाफ धारा 354 के तहत मामला दर्ज है।