Thursday, November 21, 2024
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कृष्ण की नगरी द्वारका में मेगा डिमोलिशन, जमीन पर कब्जा करके गजवा-ए-हिंद बनाने का था प्लान?

डिमोलेशन के बीच बचे हिन्दू धार्मिक स्थान पर मुस्लिम पक्ष सवाल उठा रहा है लेकिन हिन्दू पक्षकारों का दावा है कि ये मंदिर अपने स्थान पर सदियों से कायम हैं। जगह जरूर बदली है लेकिन स्थान पुराना है। दूसरी ओर डिमोलेशन में घर खोने वाले अदालत में अपनी मिलकियत साबित नहीं कर पाए।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: April 02, 2023 15:55 IST
bulldozer in dwarka- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO द्वारका में सैकड़ों मकानों पर चला बुलडोजर

अहमदाबाद: गुजरात में द्वारका शहर के समुद्र के किनारे मेगा डिमोलेशन ड्राइव चल रही है। सरकार के बुल्डोजर बड़े, छोटे, साधारण आलीशान घरों को तोड़ रहे हैं। इन इमारतों पर लोहे का पंजा लगाने से पहले पूरी की पूरी बस्तियों को मानवरहित कर दिया गया है। बहुत दिनों से सोशल मीडिया और दूसरे चैनल्स से ये खबर आ रही थी कि कृष्ण की द्वारका से हिन्दू चले गए हैं। कृष्ण की द्वारका में मुस्लिम बस गए हैं। सीमा से लगे समुद्री किनारों पर बहुत तेजी से बस्तियां बसायी जा रही है।

सैकड़ों मकानों पर चला बुलडोजर

समुद्री किनारे पर बस रही बस्तियों की खबर सरकार को भी मिली। उन्होंने जांच करवाई तो पता चला कि इन बस्तियों और गुजरात में पकड़े जा रहे ड्रग्स के बीच कनेक्शन है। इसके बाद सरकार ने अपने खुफिया तंत्र को और मजबूत किया और सूचनाएं आई। जब सूचनाएं पुख्ता हो गईं तो सरकार ने रातों रात कृष्ण की द्वारका में बुलडोजर उतार दिए। हल्ला मचा कि सरकार मुसलमानों को मिटा रही है और केस कोर्ट में गया। कोर्ट ने कहा कि सरकार सही है। हिन्दू धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द राष्ट्रीय सुरक्षा की स्ट्रेटजिक लोकेशन पर समुद्र के तट पर अवैध कब्जा देश के लिए घातक है।

बता दें कि हिन्दू आस्था में द्वापर युग कृष्ण का है। इस मान्यता के मुताबिक 5000 साल पहले गुजरात की द्वारका में कृष्ण का शासन था। यहां वो मथुरा से आए थे। धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक जरासंध नाम का राजा मथुरा पर बार बार हमला करता था। इस हिंसा से मथुरा की रक्षा के लिए कृष्ण ने समुद्र के बीच बसी नगरी को अपनी राजधानी बनाया और वहीं रहने लगे।

पहले 90% हिन्दू थे और अब 80% मुस्लिम
भारत पर विदेशी आक्रमण के पहले से ही ये शहर संपन्नता और संस्कृति में सम्मानीय रहा है। कृष्ण की वजह से धर्म का बड़ा केन्द्र भी। यहां की बहुसंख्यक आबादी हिन्दू ही रही है लेकिन पिछले दो दशक में डेमोग्राफी बदल गई है। जहां पहले 90% हिन्दू थे और अब बेट द्वारका में 80% मुस्लिम हैं। लोगों का सवाल है कि बेट द्वारका में हिन्दू अल्पसंख्यक कैसे हो गए? कृष्ण की राजधानी में मुस्लिम बहुसंख्यक कैसे हो गए। बेट द्वारका में मुस्लिम जनसंख्या का बदलाव बड़ी चर्चा है। ये केवल यहीं तक सीमित नहीं है। गुजरात की समुद्री सीमा से सटे इलाके में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि को गंभीरता से लिया गया है। इसके पीछे कई कारण हैं.

  • दरियाई अतिक्रमण एरिया मे ड्रग्स बिजनेस
  • समुद्र किनारे अतिक्रमण नेवी के लिए खतरा
  • पाकिस्तान के करीब अवैध बस्ती में गुनाह
  • सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
  • समुद्री तूफान के डैंजर जोन मे आबादी

बेट द्वारका में अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक हो गए?
डिमोलेशन के बीच बचे हिन्दू धार्मिक स्थान पर मुस्लिम पक्ष सवाल उठा रहा है लेकिन हिन्दू पक्षकारों का दावा है कि ये मंदिर अपने स्थान पर सदियों से कायम हैं। जगह जरूर बदली है लेकिन स्थान पुराना है। दूसरी ओर डिमोलेशन में घर खोने वाले अदालत में अपनी मिलकियत साबित नहीं कर पाए। समुद्री किनारों पर बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण जब गिराए गए तो पुलिस और प्रशासन का बार-बार ये दावा है कि जगह तो अवैध थी ही साथ में यहां पर अवैध काम भी हो रहे थे। गुजरात में ड्रग्स के जो मामले पकड़े गए उनमें आरोपियों की बड़ी संख्या इन्हीं इलाकों से है जहां अवैध निर्माण गिराने का काम हुआ है।

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मछली उतारने की जगह के अगल-बगल कब्जा किया
गुजराते के गृहमंत्री के मुताबिक इस इलाके में जो लोग बसे हैं वो दरअसल मछली पकड़ने और बेचने के कारोबार से जुड़े हैं। मछुआरों की कम्यूनिटी में मुस्लिमों का बड़ा हिस्सा है। ये आजादी के पहले से यहां रहते आए हैं क्योंकि विभाजन से पहले ये हिस्सा और आज का पाकिस्तान जुड़ा हुआ था। लिहाजा गुजरात के समुद्री किनारों में मुस्लिमों की अच्छी आबादी है जो मछली की उपलब्धता के हिसाब से अपनी जगह बदलते रहते हैं।

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