Image Source : प्रतीकात्मक चित्र
गुजरात में भूकंप से कांपी धरती
गुजरात, उच्च भूकंप जोखिम वाला क्षेत्र है। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में गुजरात में नौ बार भीषण भूकंप की घटनाएं हुई हैं। जीएसडीएमए के अनुसार, 26 जनवरी, 2001 को कच्छ में आया भूकंप पिछले दो शताब्दियों में भारत में आया तीसरा सबसे बड़ा तथा दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था। भूकंप में जिले के कई कस्बे और गांव लगभग पूरी तरह नष्ट हो गए थे, जिसमें लगभग 13,800 लोग मारे गए और 1.67 लाख अन्य घायल हुए थे।
महीने में तीन बार आया भूकंप
बता दें कि इस महीने गुजरात के कच्छ जिले में अब तक दो बार तीन से ज्यादा तीव्रता से अधिक का भूकंप महसूस किया गया है। आईएसआर के अनुसार, सात दिसंबर को जिले में आए भूकंप की तीव्रता 3.2 दर्ज की गई थी। पिछले महीने 18 नवंबर को कच्छ में चार तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। आईएसआर के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 15 नवंबर को उत्तर गुजरात के पाटन में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
आज तीसरी बार आया भूकंप
गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार की सुबह 3.7 तीव्रता का भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने यह जानकारी दी। जिला प्रशासन ने बताया कि भूकंप से फिलहाल किसी के हताहत होने या संपत्ति व अन्य किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। गांधीनगर स्थित भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने बताया कि भूकंप सोमवार की सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर आया और इसका केंद्र लखपत से 76 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में था।
(इनपुट-पीटीआई)
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