गोधरा। लॉकडाउन के कारण पाकिस्तान में फंसे गुजरात के गोधरा जिले के 26 लोगों ने चार जून को अटारी-वाघा सीमा पार कर घर लौटने के लिए विदेश मंत्रालय की मदद मांगी है। सभी लोग विवाह में शामिल होने और रिश्तेदारों से मिलने के लिए फरवरी-मार्च में कराची गए थे, लेकिन भारत में कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के कारण वहीं फंस गए। लॉकडाउन के दौरान सभी ट्रेनें और उड़ानें बंद हो गई थीं और अटारी सीमा भी बंद कर दी गई थी।
भारतीय उच्चायोग को लिखे एक पत्र में समूह ने अनुरोध किया है कि विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करे कि वे चार जून को अटारी-वाघा सीमा पार कर गोधरा के लिए ट्रेन पकड़ सकें। पत्र में उन्होंने कहा है कि कृपया हमें तुरंत सूचित करें ताकि हम दो जून को कराची से निकल सकें और चार जून को समय पर वाघा-अटारी सीमा पर पहुंच सकें। आशा करते हैं कि आप हमारे लिए हर संभव व्यवस्था करेंगे।
इस समूह में शामिल इसहाक बोकदा ने कराची से एक वीडियो संदेश में कहा कि सीमा पार करना ही अब हमारे लिए एकमात्र बाधा है। पत्र और वीडियो संदेश मीडिया के साथ साझा करते हुए अरमान बोकदा ने कहा कि एक जून से भारत में ट्रेन सेवा शुरू हो रही है, और कराची में फंसे मेरे परिवार के छह सदस्यों सहित गोधरा के 26 लोग ने चार जून को गोल्डन टेम्पल मेल से टिकट बुक की है।
उन्होंने बताया कि सभी लोग अमृतसर से ट्रेन लेंगे, लेकिन सीमा पार करने को लेकर वे अभी भी अनिश्चितता में हैं। बोकदा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण करीब 300 भारतीय पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि वंदे भारत मिशन के तहत विशेष विमान से उन्हें वापस लाया जाए। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई। आशा करते हैं कि सरकार इस बार उन्हें वाघा सीमा पार करने की अनुमति देकर उनकी घर वापसी सुनिश्चित करेगी।