वडोदरा: अंतरधार्मिक जोड़ों या इंटरफेथ कपल्स को कथित रूप से निशाना बनाने, उन्हें परेशान करने और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो अपलोड करने के आरोप में कुछ दिन पहले वडोदरा से 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, इसी मामले अब 14 और लोगों को पकड़ा गया है। वडोदरा पुलिस ने कहा कि बुधवार को पकड़े गए 14 लोगों में से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 9 अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया।
‘हुसैनी आर्मी’ व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल थे 500 लोग
पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ आरोपियों द्वारा कुछ महीने पहले नैतिक पुलिसिंग के लिए बनाए गए 'हुसैनी आर्मी' नाम के व्हाट्सऐप ग्रुप में 500 लोग शामिल हुए थे। इससे धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा होने का खतरा है। इसमें कहा गया है कि आरोपियों ने ग्रुप का नाम बदलकर बाद में 'महदी की सेना' कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, शहर के पुलिस चीफ अनुपम सिंह गहलोत ने गुरुवार को इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी।
28 अगस्त को ग्रुप के 3 ऐडमिन हुए थे गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, बुधवार को गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान अकिब अली सैय्यद, मोहसिन पठान, नोमान शेख, अबरार खान और मोइन शेख के रूप में हुई है और ये सभी वडोदरा शहर के रहने वाले हैं। ये सभी व्हाट्सऐप ग्रुप 'आर्मी ऑफ महदी' के सक्रिय सदस्य थे। इंटरफेथ कपल्स का एक वीडियो ‘एक्स’ पर वायरल होने के बाद 28 अगस्त को व्हाट्सऐप ग्रुप 'आर्मी ऑफ महदी' के 3 एडमिनिस्ट्रेटर्स मुस्तकीम शेख, बुरहान सैय्यद और साहिल शेख को गिरफ्तार किया गया। गिरोह ऐसे जोड़ों को निशाना बनाता था और चेतावनी के तौर पर उनके वीडियो 'आर्मी ऑफ महदी' पर साझा करता था।
‘मोरल पुलिसिंग के नाम पर बदमाशी करते थे आरोपी’
गहलोत ने बताया कि मुख्य आरोपी ने सबसे पहले 'हुसैनी आर्मी' नाम से एक ग्रुप बनाया, जिसमें लगभग 500 सदस्य थे। उन्होंने कहा, ‘उनका मकसद दूसरे धर्म के पुरुष के साथ देखे जाने पर अपने धर्म की महिलाओं पर नजर रखना था। सदस्य ऐसे जोड़ों के वाहन के नंबर का उपयोग करके उनकी गतिविधियों पर नजर रखते थे और यह जानकारी जोड़ा जहां से गुजरता था, उस क्षेत्र में रहने वाले ग्रुप के अन्य सदस्यों को देते थे।’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ये लोग मोरल पुलिसिंग के नाम पर जोड़े को रोक कर उनकी पिटाई करते थे और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डालते थे।’
‘बार-बार नए व्हाट्सऐप ग्रुप बनाते थे आरोपी’
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वे महिला के माता-पिता को ब्लैकमेल करने के लिए बुलाते थे। ऐसे ग्रुप आणंद, अहमदाबाद और भावनगर जिलों में भी सक्रिय थे।’ उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा शेयर किए गए वीडियो से मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक झड़पों की आशंका बढ़ सकती है। पुलिस ने बताया कि आरोपी एक व्हाट्सऐप ग्रुप को 3-4 महीने तक सक्रिय रखता था और फिर एक नया ग्रुप शुरू करने से पहले उसे हटा देता था। पुलिस ने बताया, 'हुसैनी आर्मी' समूह को हटाने के बाद, आरोपी ने 'आर्मी ऑफ महदी' बनाई, जिसे हाल ही में हटाकर 254 सदस्यों वाला 'लश्कर-ए-आदम' नामक एक और ग्रुप बनाया गया।