गुजरात: गुजरात के जूनागढ़ में स्थित ऊपरकोट के किले में शुक्रवार की देर रात अतिक्रमण विरोधी एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रात के अंधेरे में ऊपरकोट के किले में 18 ऐसे निर्माणों को ध्वस्त किया गया जिन्हें अवैध तरीके से भूमि का अतिक्रमण कर बनाया गया था। जिन निर्माणों को ध्वस्त किया गया उनमें 11 छोटे-छोटे हिंदू मंदिर और 7 मुस्लिम दरगाह शामिल हैं। बता दें कि इन दरगाहों में कुल मिलाकर 218 मजारें बनाई गई थीं।
पूरी रात मौजूद रहे जूनागढ़ के आला अफसर
जानकारी के मुताबिक, इन निर्माण स्थलों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई देर रात शुरू हुई। इस दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और मौके पर कमिश्नर, एसपी और कलेक्टर समेत सभी बड़े अधिकारी देर रात से सुबह तक मौजूद रहे। बता दें कि प्रशासन की इस कार्रवाई को रोकने के लिए मुस्लिम संस्थाओं ने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन उन्हें किसी भी तरह की राहत नहीं मिली और अवैध निर्माण को प्रशासन ने तोड़ दिया।
विरोध करने आए लोगों को पुलिस ने काबू में किया
बता दें कि रात को 2 बजे तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान अमेदान पंजा और आसिफ सांड समेत जूनागढ़ के 3 कॉर्पोटर विरोध प्रदर्शन के लिए किले पर पहुंचे थे। इन कॉर्पोरेटर्स के साथ करीब 1500-2000 लोगों की भीड़ थी और इन लोगों ने हंगामा भी खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हालात को काबू में कर लिया। प्रशासन को पहले से ही भनक थी कि कार्रवाई का बड़े पैमाने पर विरोध हो सकता है और यही वजह है कि उसने सारी तैयारियां करके ही इसे अंजाम दिया।
काफी पुराना है ऊपरकोट किले का इतिहास
बता दें कि प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही राज्य द्वारा संरक्षित इस इमारत से अतिक्रमण को हटाने का नोटिस जारी किया था। जूनागढ़ शहर से कुछ ऊंचाई पर स्थित ऊपरकोट का किला ऐतिहासिक दृष्टि से काफी अहम है। इस किले का निर्माण मौर्य सम्राज्य के शासन के दौरान पहली बार हुआ था और गुप्त सम्राज्य के शासन तक इसकी अहमियत बनी रही थी। हालांकि वक्त के तमाम थपेड़े झेलने वाले इस किले का पुनर्निर्माण जूनागढ़ स्टेट के दीवान हरिदास विहारीदास ने 1893-94 में करवाया था और हाल में गुजरात सरकार ने भी इस पर काफी ध्यान दिया है।