सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद बिलकीस बानो मामले के 11 दोषियों ने आत्मसमर्पण किया कर दिया है। गुजरात में पंचमहल जिले के गोधरा उप-कारागार में सभी दोषियों ने सरेंडर किया गया था। इससे पहले 3 दोषियों ने सरेंडर करने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज कर दी थी।
सजा में छूट रद्द
बता दें कि कुछ ही दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को 21 जनवरी तक जेल अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने को कहा था। इसके बाद कुछ दोषियों ने राहत के लिए याचिका तो लगाई लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
गुजरात सरकार को नहीं था रिहाई का अधिकार
दोषियों की सजा को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिस राज्य में किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, उसे ही दोषियों की सजा में छूट संबंधी याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार होता है। दोषियों पर महाराष्ट्र द्वारा मुकदमा चलाया गया था। पीठ ने कहा, ‘हमें अन्य मुद्दों को देखने की जरूरत नहीं है। कानून के शासन का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि गुजरात सरकार ने उन अधिकारों का इस्तेमाल किया, जो उसके पास नहीं थे और उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।
जानें पूरा मामला
साल 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बाने को साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। साथ ही उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी की गई थी। इसी मामले में 11 दोषियों की सजा में राज्य सरकार ने कटौती की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए नया आदेश जारी किया था। पीठ ने कहा था कि सजा में छूट का गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया।