अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव पर दुनिया भर के देशों की नजर होगी। चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार व्हाइट हाउस में अगले चार वर्षों का कार्यकाल पूरा करेगा। यह कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा। चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए पांच नवंबर को मतदान केंद्रों में स्थानीय समयानुसार सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक वोटिंग होगी। भारत में टाइमिंग के हिसाब से यह पांच नवंबर को शाम 4:30 बजे से 6 नवंबर की सुबह 6:30 बजे तक होगी।
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अमेरिका में 18 साल और इससे ऊपर के लोग वोटिंग राइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। नॉर्थ डकोटा को छोड़कर सभी राज्यों में लोगों को वोटिंग से पहले खुद को रजिस्टर करना होता है। सभी राज्यों का अपना-अपना वोटर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और डेडलाइन है।
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अमेरिका में हर चार साल बाद नवंबर के पहले सोमवार के बाद वाले मंगलवार को ही वोटिंग होती है। अगर नवंबर की शुरुआत का पहला दिन मंगलवार है, तो इस दिन चुनाव नहीं कराए जाते। अमेरिका में जब 1845 में सभी राज्यों में एक साथ चुनाव कराने का कानून बना था, तब ज्यादातर लोग खेती-किसानी करते थे। नवंबर के शुरुआती दिनों में किसानों के पास फुर्सत रहती थी इसलिए वोटिंग के लिए नवंबर महीना फिक्स कर दिया गया।
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अमेरिका में वैसे तो कई पार्टियां हैं लेकिन लोग ज्यादातर डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी को ही जानते हैं। ये दोनों सबसे पुरानी पार्टियां हैं और चुनाव में इन्हीं दोनों दलों के बीच मुकाबला देखने कोमिलता है। इसके अलावा ग्रीन पार्टी, लिबर्टेरियन पार्टी और कॉन्स्टिट्यूशन पार्टी सिर्फ नाम के लिए ही चुनाव लड़ती हैं। इनके बारे में शायद ही कभी चर्चा होती है।
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अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल मत जरूरी होते हैं। अमेरिका में 'विनर टेक्स ऑल' यानी नंबर वन पर रहने वाले को राज्य की सभी सीटें मिलने का नियम है। 2016 के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन से 28.6 लाख कम वोट पाकर भी डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने थे।
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अमेरिकी चुनाव के एग्जिट पोल और वोटों की गिनती भारतीय समयानुसार 6 नवंबर की सुबह 6:30 बजे के बाद शुरू होंगे। वोटिंग के बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। हर राज्य के वोट काउंट होने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ होगी। अंतिम निर्णय में कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वोटों की गिनती कितनी तेजी से की जाती है।