Tuesday, December 10, 2024
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तस्वीरों में देखें दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान, 50 लाख से ज्यादा लोग हैं दफन

Amit Mishra Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927 Published on: December 09, 2024 17:38 IST
  • दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान, वादी-ए-सलाम है। वादी-ए-सलाम का अर्थ 'शांति की घाटी' है। यह कब्रिस्तान इराक के नजफ शहर में स्थित है। यह कब्रिस्तान अपनी विशालता और धार्मिक महत्त्व के कारण दुनिया भर में विशेष स्थान रखता है।
    Image Source : reuters
    दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान, वादी-ए-सलाम है। वादी-ए-सलाम का अर्थ 'शांति की घाटी' है। यह कब्रिस्तान इराक के नजफ शहर में स्थित है। यह कब्रिस्तान अपनी विशालता और धार्मिक महत्त्व के कारण दुनिया भर में विशेष स्थान रखता है।
  • वादी-ए-सलाम का इतिहास इस्लामिक काल से भी पुराना है। यह माना जाता है कि यहां पैगंबर नूह और हजरत अली के अनुयायियों की भी कब्रें हैं। इस कब्रिस्तान 50 लाख से ज्यादा लोग हैं दफन हैं।
    Image Source : reuters
    वादी-ए-सलाम का इतिहास इस्लामिक काल से भी पुराना है। यह माना जाता है कि यहां पैगंबर नूह और हजरत अली के अनुयायियों की भी कब्रें हैं। इस कब्रिस्तान 50 लाख से ज्यादा लोग हैं दफन हैं।
  • वादी-ए-सलाम का विशेष महत्त्व इस कारण भी है क्योंकि नजफ शहर में हजरत अली की दरगाह स्थित है, जो शिया मुसलमानों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
    Image Source : reuters
    वादी-ए-सलाम का विशेष महत्त्व इस कारण भी है क्योंकि नजफ शहर में हजरत अली की दरगाह स्थित है, जो शिया मुसलमानों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
  • इस कब्रिस्तान का क्षेत्रफल लगभग 1,485.5 एकड़ (6.01 वर्ग किलोमीटर) है और इसमें लाखों कब्रें हैं। वादी-ए-सलाम में केवल इराक के ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से आए मुसलमानों को दफनाया गया है
    Image Source : reuters
    इस कब्रिस्तान का क्षेत्रफल लगभग 1,485.5 एकड़ (6.01 वर्ग किलोमीटर) है और इसमें लाखों कब्रें हैं। वादी-ए-सलाम में केवल इराक के ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से आए मुसलमानों को दफनाया गया है
  • आज भी वादी-ए-सलाम में दफनाने का सिलसिला जारी है। इस कब्रिस्तान की देखरेख और प्रबंधन स्थानीय प्रशासन के जरिए किया जाता है।
    Image Source : reuters
    आज भी वादी-ए-सलाम में दफनाने का सिलसिला जारी है। इस कब्रिस्तान की देखरेख और प्रबंधन स्थानीय प्रशासन के जरिए किया जाता है।
  • वादी-ए-सलाम केवल एक कब्रिस्तान नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था का प्रतीक भी है। यहां की हर कब्र और मजार एक कहानी बयां करती है और यहां आने वाले हर व्यक्ति को यह महसूस होता है कि वह एक पवित्र स्थल पर हैं।
    Image Source : reuters
    वादी-ए-सलाम केवल एक कब्रिस्तान नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था का प्रतीक भी है। यहां की हर कब्र और मजार एक कहानी बयां करती है और यहां आने वाले हर व्यक्ति को यह महसूस होता है कि वह एक पवित्र स्थल पर हैं।