Monday, November 25, 2024
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सुबह और शाम के वक्त बड़ा क्यों दिखता है सूरज? सच जानकर होंगे हैरान-देखें तस्वीरें

Kajal Kumari Written By: Kajal Kumari @lallkajal Updated on: November 25, 2024 22:32 IST
  • आसमान में चमकते सूरज को कभी गौर से देखा है, सुबह और शाम तो ये बड़ा दिखता है लेकिन पूरे दिन आकार में छोटा हो जाता है। जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
    Image Source : file photo
    आसमान में चमकते सूरज को कभी गौर से देखा है, सुबह और शाम तो ये बड़ा दिखता है लेकिन पूरे दिन आकार में छोटा हो जाता है। जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
  • सूरज के आकार का सुबह और शाम के समय बड़ा हो जाना और फिर दिन में छोटा हो जाना, यह सिर्फ आपकी नजर का भ्रम होता है। सूरज अपना आकार नहीं बदलता है।
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    सूरज के आकार का सुबह और शाम के समय बड़ा हो जाना और फिर दिन में छोटा हो जाना, यह सिर्फ आपकी नजर का भ्रम होता है। सूरज अपना आकार नहीं बदलता है।
  • सूरज का बढ़ता और घटता आकार हमें सन्सेट इल्यूजन या अप्टिकल इल्यूजन के कारण दिखता है जो दरअसल, हमारे दिमाग और वातावरण के कारण होता है।
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    सूरज का बढ़ता और घटता आकार हमें सन्सेट इल्यूजन या अप्टिकल इल्यूजन के कारण दिखता है जो दरअसल, हमारे दिमाग और वातावरण के कारण होता है।
  • सूरज का व्यास करीब 1.39 मिलियन किलोमीटर होता है, जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना बड़ा है, सूरज का आकार स्थिर है, इसके व्यास में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता।
    Image Source : file photo
    सूरज का व्यास करीब 1.39 मिलियन किलोमीटर होता है, जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना बड़ा है, सूरज का आकार स्थिर है, इसके व्यास में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता।
  • जब सूरज सुबह और शाम आसमान में होरिजोन के पास होता है, तो हमें बड़ा दिखाई देता है। इसे हम होराइजन इल्यूजन या सन्सेट इल्यूजन  के नाम से भी जानते हैं।
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    जब सूरज सुबह और शाम आसमान में होरिजोन के पास होता है, तो हमें बड़ा दिखाई देता है। इसे हम होराइजन इल्यूजन या सन्सेट इल्यूजन के नाम से भी जानते हैं।
  • हमारे मस्तिष्क को लगता है कि सूरज तब दूर होता है जब वह आसमान में ऊंचाई पर होता है, जबकि सूरज जब होरिजोन के पास होता है तो हमारा दिमाग उसे ज्यादा बड़ा और करीब समझने लगता है।
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    हमारे मस्तिष्क को लगता है कि सूरज तब दूर होता है जब वह आसमान में ऊंचाई पर होता है, जबकि सूरज जब होरिजोन के पास होता है तो हमारा दिमाग उसे ज्यादा बड़ा और करीब समझने लगता है।
  • असल में सूरज की स्थिति और दूरी में कभी कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन हमारा दिमाग इसे इस तरह से समझता है कि सूरज बड़ा और छोटा दिखता है।
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    असल में सूरज की स्थिति और दूरी में कभी कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन हमारा दिमाग इसे इस तरह से समझता है कि सूरज बड़ा और छोटा दिखता है।
  • जब सूरज होरिजोन के पास होता है, तो उसकी किरणें पृथ्वी की वायुमंडलीय परत से लंबी दूरी तय करती हैं और सूरज की रोशनी में ज्यादा फैलाव होता है, जिससे वो ज्यादा लाल, नारंगी या गुलाबी रंग का दिखता है।
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    जब सूरज होरिजोन के पास होता है, तो उसकी किरणें पृथ्वी की वायुमंडलीय परत से लंबी दूरी तय करती हैं और सूरज की रोशनी में ज्यादा फैलाव होता है, जिससे वो ज्यादा लाल, नारंगी या गुलाबी रंग का दिखता है।
  • जब सूरज आसमान में अधिक ऊंचाई पर होता है, तो वायुमंडल की परत छोटी होती है और सूरज की रोशनी का फैलाव कम होता है, जिससे सूरज छोटा और सफेद दिखाई देता है।
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    जब सूरज आसमान में अधिक ऊंचाई पर होता है, तो वायुमंडल की परत छोटी होती है और सूरज की रोशनी का फैलाव कम होता है, जिससे सूरज छोटा और सफेद दिखाई देता है।
  • अपवर्तन की वजह से सूरज की किरणें थोड़ी मुड़ जाती हैं और इसी वजह से सूरज का आकार थोड़ा बढ़ा हुआ प्रतीत होता है।
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    अपवर्तन की वजह से सूरज की किरणें थोड़ी मुड़ जाती हैं और इसी वजह से सूरज का आकार थोड़ा बढ़ा हुआ प्रतीत होता है।