Monday, December 23, 2024
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Mother’s Day 2021: इन एक्टर्स ने मां के साथ बिताए खूबसूरतों पलों को किया साझा

Written by: India TV Entertainment Desk
Published : May 07, 2021 10:09 IST
  • मदर्स डे एक अथक प्रेम और त्याग का उत्सव है, जो माओं का अपने बच्चों के प्रति होता है। अमेरिकी लेखक मिच एल्बॉम का एक कोट माओं की देखभाल और प्यार के प्रतीक को सटीक दर्शाता है- 'जब आप अपनी मां की आंखों में देखते हैं, तो आप जानते हैं कि इस धरती पर मिलने वाला सबसे शुद्ध प्रेम है।' ये दिन सभी के लिए खास है, क्योंकि अपनी मां के निस्वार्थ प्यार को धन्यवाद कहने का मौका मिलता है। इस खास मौके पर कई एक्टर्स ने अपनी मां के साथ शानदार यादों को साझा किया है।  
    Image Source : PR FETCHED

    मदर्स डे एक अथक प्रेम और त्याग का उत्सव है, जो माओं का अपने बच्चों के प्रति होता है। अमेरिकी लेखक मिच एल्बॉम का एक कोट माओं की देखभाल और प्यार के प्रतीक को सटीक दर्शाता है- 'जब आप अपनी मां की आंखों में देखते हैं, तो आप जानते हैं कि इस धरती पर मिलने वाला सबसे शुद्ध प्रेम है।' ये दिन सभी के लिए खास है, क्योंकि अपनी मां के निस्वार्थ प्यार को धन्यवाद कहने का मौका मिलता है। इस खास मौके पर कई एक्टर्स ने अपनी मां के साथ शानदार यादों को साझा किया है।  

  • अमल सहरावत: एक मां हर बच्चे की पहली शिक्षक होती है और मैं कोई अपवाद नहीं हूं। उन्होंने मुझे जीवन के दर्शन सिखाए हैं जो वर्तमान में जीते हैं, अतीत से सीखते हैं, और भविष्य के बारे में आशावादी होते हैं। हर रविवार, मेरी माँ मेरी पसंदीदा शुगर टोस्ट बनाती थीं और फिर हम पूरी सुबह कार्टून देखने में बिताते थे।
    Image Source : PR FETCHED

    अमल सहरावत: एक मां हर बच्चे की पहली शिक्षक होती है और मैं कोई अपवाद नहीं हूं। उन्होंने मुझे जीवन के दर्शन सिखाए हैं जो वर्तमान में जीते हैं, अतीत से सीखते हैं, और भविष्य के बारे में आशावादी होते हैं। हर रविवार, मेरी माँ मेरी पसंदीदा शुगर टोस्ट बनाती थीं और फिर हम पूरी सुबह कार्टून देखने में बिताते थे।

  • मृणाल जैन: मेरी मां विद्या ही मेरा सब कुछ हैं। उन्होंने मुझे ढेर सारा प्यार दिया है। मैं आज भी कभी-कभी उनके हाथों से खाना खाता हूं। उन्होंने मुझे एक उत्कृष्ट परवरिश दी है। मैं मां के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता हूं। वो मेरे लिए शानदार खाना बनाती हूं। मुझे उन पर गर्व है और मैं उन्हें अपनी उस सफलता से गर्व महसूस कराना चाहता हूं, जो वो महसूस करती हैं कि मैं उसके काबिल हूं। मैं अभी उनके साथ खूब समय बिता रहा हूं। 
    Image Source : PR FETCHED

    मृणाल जैन: मेरी मां विद्या ही मेरा सब कुछ हैं। उन्होंने मुझे ढेर सारा प्यार दिया है। मैं आज भी कभी-कभी उनके हाथों से खाना खाता हूं। उन्होंने मुझे एक उत्कृष्ट परवरिश दी है। मैं मां के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता हूं। वो मेरे लिए शानदार खाना बनाती हूं। मुझे उन पर गर्व है और मैं उन्हें अपनी उस सफलता से गर्व महसूस कराना चाहता हूं, जो वो महसूस करती हैं कि मैं उसके काबिल हूं। मैं अभी उनके साथ खूब समय बिता रहा हूं। 

  • अमित सरीन: मेरी मां की सबसे बड़ी सीख है- कभी हार नहीं मानना ​​है। इससे धैर्य और दृढ़ता की समझ पैदा होती है। जब मैं 10 वीं क्लास में था, तब मैंने कैंसर की वजह से अपनी मां को खो दिया था। वो एक फाइटर थीं। साथ ही उनमें जिंदगी को भरपूर जीने की क्षमता थी। उनके लिए कभी नीरस क्षण नहीं रहा। उनका मानना ​​था कि जीवन के लिए बहुत कुछ है और इसे अनुभव करना और यात्रा में दूसरों को इसे देना बेहतर है। वह हमेशा मेरे साथ हैं। 
    Image Source : PR FETCHED

    अमित सरीन: मेरी मां की सबसे बड़ी सीख है- कभी हार नहीं मानना ​​है। इससे धैर्य और दृढ़ता की समझ पैदा होती है। जब मैं 10 वीं क्लास में था, तब मैंने कैंसर की वजह से अपनी मां को खो दिया था। वो एक फाइटर थीं। साथ ही उनमें जिंदगी को भरपूर जीने की क्षमता थी। उनके लिए कभी नीरस क्षण नहीं रहा। उनका मानना ​​था कि जीवन के लिए बहुत कुछ है और इसे अनुभव करना और यात्रा में दूसरों को इसे देना बेहतर है। वह हमेशा मेरे साथ हैं। 

  • विकास सेठी: मेरी मां का नाम सुरक्षा सेठी है और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। वो अभी लुधियाना में फंस गई हैं और वहां से भी मेरे स्वास्थ्य व खाने-पीने की चिंता कर रही हैं। मां के महत्व और परिभाषाओं का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। मां एक मात्र ऐसा शब्द है, जो आपके मुंह से तब निकलता है जब आप किसी मुसीबत में होते हैं या घायल हो जाते हैं।
    Image Source : PR FETCHED

    विकास सेठी: मेरी मां का नाम सुरक्षा सेठी है और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। वो अभी लुधियाना में फंस गई हैं और वहां से भी मेरे स्वास्थ्य व खाने-पीने की चिंता कर रही हैं। मां के महत्व और परिभाषाओं का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। मां एक मात्र ऐसा शब्द है, जो आपके मुंह से तब निकलता है जब आप किसी मुसीबत में होते हैं या घायल हो जाते हैं।

  • अरुण मंडोला: मैंने अपनी मां से जो सबसे बड़ी चीज सीखी है, वो ये है कि उन्होंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया था। जब वो छोटी बच्ची थी, उनकी मां का निधन हो गया था। 18 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। शादी के बाद उन्हें बहुत सारे संकटों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सब कुछ बहुत अच्छी तरह से संभाला और भगवान से कभी शिकायत नहीं की। ये गुण मैंने उनसे सीखा है। हम एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और बचपन में मैं बहुत जिद्दी था। मैं खाना नहीं खाता था, तो वो मुझे खाना खाने के लिए 5 या 10 रुपये देती थीं।
    Image Source : PR FETCHED

    अरुण मंडोला: मैंने अपनी मां से जो सबसे बड़ी चीज सीखी है, वो ये है कि उन्होंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया था। जब वो छोटी बच्ची थी, उनकी मां का निधन हो गया था। 18 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। शादी के बाद उन्हें बहुत सारे संकटों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सब कुछ बहुत अच्छी तरह से संभाला और भगवान से कभी शिकायत नहीं की। ये गुण मैंने उनसे सीखा है। हम एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और बचपन में मैं बहुत जिद्दी था। मैं खाना नहीं खाता था, तो वो मुझे खाना खाने के लिए 5 या 10 रुपये देती थीं।