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टीम इंडिया के कप्तान (टेस्ट) विराट कोहली मैदान में अपने ऐग्रेशन (आक्रमकता) के लिए जाने जाते हैं, मामला बैटिंग का हो, बॉलिंग का हो या फिर फ़ील्डिंग का, उनकी आक्रमकता हर जगह नज़र आती है। अपनी आक्रमकता के चलते ही वह बोल्ड फ़ैसले भी कर लेते हैं जो ग़ैर-पारंपरिक तो लगते हैं लेकिन असरदार और चौंकाने वाले भी होते हैं।
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लेकिन कोहली की आक्रमकता में तानाशाही की भी झलक दिखाई पड़ती है। ऐसा लगता है मानो एक दो अपवाद छोड़ दें, तो टीम का लगभग हर सदस्य सिर झुकाकर उनका हुक़्म बजाता है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कभी नही देखा गया। पटौदी, वाडेकर, वेंगसरकर, बेदी, गावस्कर, कपिल देव, रवि शास्त्री, अज़हरुद्दीन, सचिन और द्रविड और धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी टीम के कप्तान रह चुके हैं लेकिन किसी ने भी ऐसी तानाशाही नहीं दिखाई जो कोहली दिखा रहे हैं।
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ये तानाशाही अगर मैदान तक सीमित रहती जहां कप्तान अपने खिलाड़ी से कुछ अपेक्षाएं रखता है, तब भी इसे हज़म किया जा सकता था लेकिन कोहली की तानाशाही मैदान के परे होटल के कमरे से होते हुए बाथरुम तक जाती है। हैरानी की बात ये है कि किसी खिलाड़ी की कप्तान के इस हिटलरी रवैये की शिकायत बोर्ड से करने की अभी तक हिम्मत नही हुई है। कोहली वो कर रहे हैं जो शायद हिटलर ने भी न किया हो....न किया हो क्या, बल्कि किया ही नही, इतिहास गवाह है। बड़ी आसानी से कहा जा सकता है कि कोहली ने तानाशाही के मामले में हिटलर को भी मात दे दी।
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कोहली अपने शक़्ल के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं....कभी हेयर स्टायल बदल लेते हैं तो कभी मूंछे नये अंदाज़ में बना लेते हैं। इन दिनों वो दाढ़ी में नज़र आ रहे हैं वो भी कोई मामूली दाढ़ी में नहीं बल्कि डिज़ायनर दाढ़ी में। जब तक वो टीम इंडिया को जितवाते रहते हैं और ख़ुद रन बनाते रहते हैं, तब तक भला उनकी दाढ़ी से किसी को क्या ऐतराज़ हो सकता है। लेकिन बात यहीं ख़त्म नही होती....बात निकली है तो दूर तलक जाएगी और जा भी रही है और लोग दाढ़ी का सबब भी पूछ रहे हैं, बेवजह नही, बक़ायदा वजह के साथ। लोग पूछ रहे हैं कि आपने दाड़ी बढ़ाई, ठीक है लेकिन टीम के बाकी 9 सदस्यों ने भी क्यों दाढ़ी बढ़ाई...?
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धोनी ने भी लंबे बाल रखे थे जो पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को इतनी भाए थे कि उन्होंने उन पाकिस्तानी फ़ैन्स को शट अप कर दिया था जो धोनी से बाल कटवाने को कह रहे थे। लेकिन मुशर्रफ़ से प्रभावित होकर टीम के बाक़ी खिलाड़ियों ने न तो अपने बाल लंबे किए और न ही धोनी ने उन्हें ऐसा करने का हुक़्म दिया। लेकिन कोहली इन सबसे आगे हैं। उनके हुक़्म के चलते ही इन बेचारों को होटल के कमरे के बाथरुम से रेज़र, शेविंग क्रीम, आफ़्टर शेव लोशन और वग़ैरह वग़ैरह, बाहर फ़ेकने पड़े।
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शिखर धवन, के.एल राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, अश्विन, मोहम्मद शामी और भुवनेश्वर कुमार, इन सभी ने कोहली का हुक़्म सिर आंखों पर लेकर दाढ़ी बढ़ा रखी है।
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वैसे साहा ने भी बढ़ानी शुरु कर दी है। उमेश यादव को मेडिकल ग्राउंड पर छूट मिली हुई है क्योंकि उनकी दाढ़ी बढ़ती ही नही। और जहां तक गौतम गंभीर का सवाल है, तो कोहली उन्हें सिर्फ़ एक टेस्ट का मेहमान मानते हैं और मेहमांनवाज़ी भी आख़िर कोई चीज़ होती है।
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अब आपको हक़ीक़त बताते हैं। ये लेख एक व्यंग है जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना नही है। मगर हां ये सच है कि टीम के दस खिलाड़ियों ने दाढ़ी बढ़ा रखी है जो शायद पहले कभी नही हुआ।
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हां, 19वीं सदी में ऑस्ट्रेलिया के बहुत से खिलाड़ी मूंछे या दाढ़ी रखते थे। इसी तरह इंग्लैंड ने जब 1997-98 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तब हर एक खिलाड़ी ने मूंछे रखी हुई थी।
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इंदौर में सिरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच चल रहा है और जो मौजूदा स्थिति है उसे देखकर लगता है कि टीम इंडिया ये सिरीज़ 3-0 से जीत लेगी वो भी अपने दाढ़ी वाले कप्तान विराट कोहली की सदारत में।