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भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात मेडल जीते थे। ये ओलंपिक इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, लेकिन अब देश की नजर इन आंकड़ों को और बेहतर करने पर है। सबसे बड़ा मिशन भारतीय खिलाड़ियों के लिए मेडल टैली में दोहरे अंक में पहुंचना और एक से अधिक गोल्ड मेडल जीतना है, क्योंकि ये दोनों ही रिकॉर्ड देश के लिए ऐतिहासिक होंगे। इस बीच चलिए जरा देखते हैं कि भारत कौन से खेल में ओलंपिक मेडल जीत सकता है। हालांकि आपको बता दें कि ये केवल अंदाजा है। इस बात की भी पूरी संभावना है कि इसके अलावा भी भारत बाकी खेलों में भी मेडल अपने नाम करे।
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नीरज चोपड़ा भारत के लिए ओलंपिक मेडल लाने की सबसे बड़ी उम्मीद है। उनसे न केवल मेडल की आस है, बल्कि वे गोल्ड मेडल जीतने के दावेदार हैं। यानी इससे छोटे मेडल लाने से बात नहीं बनेगी। टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग सहित हर चैंपियनशिप जीती है। हालांकि, एक संदिग्ध एडिक्टर मांसपेशी थोड़ी चिंता का विषय है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वे एक बार फिर से गोल्ड अपने नाम करेंगे। पूरे देश की दुआएं उनके साथ हैं।
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निकहत जरीन मुक्केबाजी में महिला 50 किग्रा में हिस्सा ले रही हैं। पिछले दो वर्षों से भारतीय मुक्केबाजी में निकहत जरीन ने खूब नाम कमाया है और पूरी उम्मीद है कि वे भारत के लिए मेडल लाकर ही रहेंगी। उन्होंने 2022 और 2023 विश्व चैंपियनशिप में लगातार स्वर्ण पदक जीते हैं।
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पीवी सिंधु भारतीय बैडमिंटन का एक बड़ा नाम हैं। वे इससे पहले दो मेडल जीत चुकी हैं और इस बार हैट्रिक की तैयारी में हैं। 2016 रियो ओलंपिक में रजत और इसके बाद 2020 टोक्यो में कांस्य पदक वे जीत चुकी हैं। सिंधु बैडमिंटन में तीन ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने का लक्ष्य बना रही हैं। किसी भी भारतीय ने तीन व्यक्तिगत ओलंपिक पदक नहीं जीते हैं। हालांकि ध्यान देने वाली बात ये है कि हाल ही में उनकी बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं रही है और क्वार्टर फाइनल में उसे गत चैंपियन चेन युफेई के खिलाफ कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।
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मनु भाकर भारत की स्टार निशानेबाज हैं। महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम की वे मैंबर हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पिस्टल में खराबी के कारण रोती हुई भाकर की फोटो और वीडियो शायद अपने देखी होगी, लेकिन यह समय वापसी का होगा। करीब 22 साल की मनु भाकर तीन अलग-अलग स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल भारत के पूर्व निशानेबाज जसपाल राणा के कोच बनने के बाद उनके स्कोर में काफी उछाल आया है।
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एक वक्त ऐसा भी था, जब हॉकी में भारत का डंका पूरी दुनिया में बजता था। पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो में कांस्य पदक जीतकर 40 साल के लंबे पदक के सूखे को खत्म किया और जश्न मनाया। इसके बाद हांग्जो एशियाड में स्वर्ण पदक जीता, जिससे पेरिस की यात्रा तय हुई। भारत मौजूदा ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड के साथ पूल बी में है। हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए टॉप चार में रहना होगा। क्या टीम इस बार फिर से हॉकी की खोई हुई प्रसिद्ध फिर से मिल पाएगी, ये आने वाला वक्त ही बताएगा।