वनडे विश्व कप के इतिहास में ज्यादा चर्चा उन्हीं बल्लेबाजों की होती है, जो बड़े बड़े स्कोर करते हैं और शतक बना देते हैं। इतना ही नहीं अब तो इस फॉर्मेट में भी दोहरे शतक तक लग जाते हैं। लेकिन इस बीच कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते हैं जो शतक तो नहीं लगाते और न ही दोहरे शतक जैसे स्कोर खड़े करते हैं, लेकिन छोटे छोटो रनों से ही पहाड़ खड़ा कर देते हैं। चलिए आज जरा उनके बारे में बात करते हैं।
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अर्जुन राणातुंगा : श्रीलंका के कप्तान रहे अर्जुन राणातुंगा के नाम वनडे विश्व कप में एक भी शतक नहीं है। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने करीब एक हजार रन बनाए हैं। उन्होंने 1983 से लेकर 1999 तक विश्व कप खेले और उनकी कप्तानी में ही श्रीलंका ने साल 1996 का विश्व कप जीता भी था। उन्होंने 30 मैचों में 969 रन बनाए हैं। इसमें सात अर्धशतक हैं, लेकिन शतक एक भी नहीं।
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माइकल क्लार्क : माइकल क्लार्क ने साल 2007 से लेकर 2015 तक अपनी टीम के लिए खेला। साल 2015 में उन्होंने अपनी कप्तानी में आस्ट्रेलिया को विश्व कप का खिताब भी जिताया था। उन्होंने 25 मैचों की 21 पारियों में 888 रन बनाए हैं। उनके नाम आठ अर्धशतक हैं, लेकिन शतक के नाम पर सिफर यानी कुछ भी नहीं।
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मोहम्मद अजहरुद्दीन : मोहम्मद अजहरुद्दीन की बात की जाए तो उन्होंने साल 1987 से लेकर 1999 तक भारतीय टीम के लिए विश्व कप खेला। वे कई विश्व कप में अपनी टीम के कप्तान भी रहे। लेकिन इसके बाद भी उनके नाम विश्व कप में कोई शतक नहीं है। उन्होंने 30 मैच खेलकर 826 रन बनाए। जिसमें आठ शतक हैं, लेकिन शतक एक भी नहीं।
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एमएस धोनी : एमएस धोनी ने साल 2007 से लेकर 2019 तक विश्व कप खेला है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2011 और 2015 में उतरी। साल 2011 का विश्व कप जीता भी, लेकिन शतक वे भी कोई नहीं लगा पाए। उन्होंने विश्व कप में कुल 29 मैचों की 25 पारियों में बल्लेबाजी की और 780 रन बनाए। इसमें पांच शतक शामिल रहे।
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स्टीव टिकोलो : कीनिया के कप्तान रहे स्टीव टिकोलो भी इसी लिस्ट में आते हैं। उन्होंने साल 1996 से लेकर 2011 तक विश्व कप खेला। इसमें उन्होंने 28 मैचों की 27 पारियों में बल्लेबाजी की। इसमें 768 रन बनाए। इसमें उनके नाम आठ शतक दर्ज हैं।