Sunday, September 08, 2024
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Olympics में भारतीय तिरंगे का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ी, जानिए इनके बारे में कुछ खास बातें

Pankaj Mishra Written By: Pankaj Mishra @pankajplmishra Updated on: July 23, 2024 17:32 IST
  • ओलंपिक 2024 का आगाज होने ही वाला है। अब से कुछ ही घंटे बाद इस साल के खेल शुरू हो जाएंगे। पेरिस और इसके अलावा कुछ और फ्रांस के शहर इस​के लिए अब पूरी तरह से तैयार हैं। इसके साथ ही तैयार हैं, भारतीय एथलीट, जो भारत का झंडा एक बार फिर ओलंपिक में लहराते हुए नजर आएंगे। इससे पहले ​कि कि पेरिस ओलंपिक शुरू हों, आपको उन एथलीट के बारे में जानना चाहिए, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में भारतीय तिरंगे के मान पूरी दुनिया में और भी बढ़ाने का काम किया है।
    Image Source : getty
    ओलंपिक 2024 का आगाज होने ही वाला है। अब से कुछ ही घंटे बाद इस साल के खेल शुरू हो जाएंगे। पेरिस और इसके अलावा कुछ और फ्रांस के शहर इस​के लिए अब पूरी तरह से तैयार हैं। इसके साथ ही तैयार हैं, भारतीय एथलीट, जो भारत का झंडा एक बार फिर ओलंपिक में लहराते हुए नजर आएंगे। इससे पहले ​कि कि पेरिस ओलंपिक शुरू हों, आपको उन एथलीट के बारे में जानना चाहिए, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में भारतीय तिरंगे के मान पूरी दुनिया में और भी बढ़ाने का काम किया है।
  • पीवी सिंधु

बैडमिंटन

ओलंपिक पदक- ब्रॉन्ज और सिल्वर 
साल- रियो ओलंपिक 2016, टोक्यो ओलंपिक 2020
पीवी सिंधु बैडमिंटन में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला प्लेयर हैं। रियो ओलंपिक में 21 साल की सिंधु ने सभी की उम्मीदों के उलट फाइनल में जगह बनाई। फाइनल तक उनके आगे कोई भी विरोधी प्लेयर नहीं टिक पाई। उन्होंने सेमीफाइनल में धमाकेदार अंदाज में मजबूत खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-19, 21-10 से हराकर फाइनल में एंट्री ली। लेकिन फाइनल में वह कैरोलिना मारिन से 19-21, 21-12, 21-15 से हार गईं। इसी वजह से उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 
टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल के मैच के लिए चीन की हे बिंग जिओ को 21-13, 21-15 से हराया और मेडल अपने नाम कर लिया।
    Image Source : getty
    पीवी सिंधु बैडमिंटन ओलंपिक पदक- ब्रॉन्ज और सिल्वर साल- रियो ओलंपिक 2016, टोक्यो ओलंपिक 2020 पीवी सिंधु बैडमिंटन में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला प्लेयर हैं। रियो ओलंपिक में 21 साल की सिंधु ने सभी की उम्मीदों के उलट फाइनल में जगह बनाई। फाइनल तक उनके आगे कोई भी विरोधी प्लेयर नहीं टिक पाई। उन्होंने सेमीफाइनल में धमाकेदार अंदाज में मजबूत खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-19, 21-10 से हराकर फाइनल में एंट्री ली। लेकिन फाइनल में वह कैरोलिना मारिन से 19-21, 21-12, 21-15 से हार गईं। इसी वजह से उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल के मैच के लिए चीन की हे बिंग जिओ को 21-13, 21-15 से हराया और मेडल अपने नाम कर लिया।
  • मैरी कॉम
बॉक्सिंग
ओलंपिक पदक - ब्रॉन्ज
साल - लंदन ओलंपिक 2012
24 नवंबर 1982 को जन्मी मैरी कॉम ने अपने बॉक्सिंग करियर के दौरान अपने शानदार स्किल्स से सभी का दिल जीता और भारत का नाम रौशन किया। लंदन ओलंपिक ने उनके करियर में सबसे बड़ा रोल निभाया। जब उन्होंने 51 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग में कांस्य पदक जीता। हालांकि , यह उनकी एकमात्र उपलब्धि नहीं थी क्योंकि ओलंपिक पदक जीतने से पहले ही कॉम एक स्टार मुक्केबाज थीं। मैरी कॉम ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स और 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स सहित कुल 14 बार गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा उन्होंने 6 गोल्ड मेडल वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता और उन्होंने अपने करियर के दौरान एशियन चैंपियनशिप में भी दबदबा बनाया। वह 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गईं थी, लेकिन 2020 टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने क्वालीफाई किया, जो ओलंपिक में उनकी आखिरी उपस्थिति भी थी। उनके करियर का आखिरी पदक दुबई में एशियन चैंपियनशिप 2021 में आया जहां उन्होंने फ्लाईवेट 51 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री (2006), पद्म भूषण (2013) और पद्म विभूषण (2020) जैसे
    Image Source : getty
    मैरी कॉम बॉक्सिंग ओलंपिक पदक - ब्रॉन्ज साल - लंदन ओलंपिक 2012 24 नवंबर 1982 को जन्मी मैरी कॉम ने अपने बॉक्सिंग करियर के दौरान अपने शानदार स्किल्स से सभी का दिल जीता और भारत का नाम रौशन किया। लंदन ओलंपिक ने उनके करियर में सबसे बड़ा रोल निभाया। जब उन्होंने 51 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग में कांस्य पदक जीता। हालांकि , यह उनकी एकमात्र उपलब्धि नहीं थी क्योंकि ओलंपिक पदक जीतने से पहले ही कॉम एक स्टार मुक्केबाज थीं। मैरी कॉम ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स और 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स सहित कुल 14 बार गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा उन्होंने 6 गोल्ड मेडल वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता और उन्होंने अपने करियर के दौरान एशियन चैंपियनशिप में भी दबदबा बनाया। वह 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गईं थी, लेकिन 2020 टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने क्वालीफाई किया, जो ओलंपिक में उनकी आखिरी उपस्थिति भी थी। उनके करियर का आखिरी पदक दुबई में एशियन चैंपियनशिप 2021 में आया जहां उन्होंने फ्लाईवेट 51 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री (2006), पद्म भूषण (2013) और पद्म विभूषण (2020) जैसे
  • लिएंडर पेस 
टेनिस
ओलंपिक पदक- ब्रॉन्ज 
साल-अटलांटा ओलंपिक 1996
लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक 1996 में कमाल का प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल तक वह अजेय योद्धा की तरह आगे बढ़े। लेकिन सेमीफाइनल में उनके विजयी अभियान पर ब्रेक लग गया। जब उन्हें आंद्रे आगासी से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने मैच 7-6 (7-5), 6-3 से गंवाया। फिर ब्रांन्ज मेडल के मैच में उन्होंने फिनो मेलिगेनी के खिलाफ 3-6, 6-2, 6-4 से दमदार जीत दर्ज की और पदक जीत लिया। वह भारत के लिए टेनिस में ओलंपिक पदक जीतने वाले इकलौते प्लेयर हैं।
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    लिएंडर पेस टेनिस ओलंपिक पदक- ब्रॉन्ज साल-अटलांटा ओलंपिक 1996 लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक 1996 में कमाल का प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल तक वह अजेय योद्धा की तरह आगे बढ़े। लेकिन सेमीफाइनल में उनके विजयी अभियान पर ब्रेक लग गया। जब उन्हें आंद्रे आगासी से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने मैच 7-6 (7-5), 6-3 से गंवाया। फिर ब्रांन्ज मेडल के मैच में उन्होंने फिनो मेलिगेनी के खिलाफ 3-6, 6-2, 6-4 से दमदार जीत दर्ज की और पदक जीत लिया। वह भारत के लिए टेनिस में ओलंपिक पदक जीतने वाले इकलौते प्लेयर हैं।
  • नीरज चोपड़ा
जैवलिन थ्रो
ओलंपिक पदक - गोल्ड
साल - टोक्यो ओलंपिक 2020
नीरज चोपड़ा एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। दुनियाभर में जब भी जैवलिन थ्रो का नाम लिया जाएगा, उसमें नीरज चोपड़ा का नाम जरूर शामिल होगा। नीरज चोपड़ा को आप भारत का गोल्डन ब्वॉय भी कह सकते हैं। भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा को लगभग हर इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने की आदत सी हो गई है। नीरज चोपड़ा ने इंटरनेशनल लेवल पर साल 2016 से भारत का नाम रौशन करना शुरू कर दिया था। उस वक्त वह सिर्फ 19 साल थे। जिस उम्र में भारत के नौजवान अपने करियर के बारे में ज्यादा कुछ सोच नहीं पाते हैं। उस उम्र में नीरज ने भारत के लिए साउथ एशिआई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से ही नीरज चोपड़ा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारत के लिए बड़े इवेंट पर गोल्ड मेडल जीतते रहे। उनके करियर में साल 2021 में सबसे बड़ा मोड़ लिया। जब उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए इकलौता गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
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    नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो ओलंपिक पदक - गोल्ड साल - टोक्यो ओलंपिक 2020 नीरज चोपड़ा एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। दुनियाभर में जब भी जैवलिन थ्रो का नाम लिया जाएगा, उसमें नीरज चोपड़ा का नाम जरूर शामिल होगा। नीरज चोपड़ा को आप भारत का गोल्डन ब्वॉय भी कह सकते हैं। भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा को लगभग हर इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने की आदत सी हो गई है। नीरज चोपड़ा ने इंटरनेशनल लेवल पर साल 2016 से भारत का नाम रौशन करना शुरू कर दिया था। उस वक्त वह सिर्फ 19 साल थे। जिस उम्र में भारत के नौजवान अपने करियर के बारे में ज्यादा कुछ सोच नहीं पाते हैं। उस उम्र में नीरज ने भारत के लिए साउथ एशिआई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से ही नीरज चोपड़ा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारत के लिए बड़े इवेंट पर गोल्ड मेडल जीतते रहे। उनके करियर में साल 2021 में सबसे बड़ा मोड़ लिया। जब उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए इकलौता गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
  • अभिनव बिंद्रा
निशानेबाजी
साल 2008 बीजिंग ओलंपिक
ओलंपिक पदक - गोल्ड
अभिनव बिंद्रा ने साल 2008 में भारतीय खेल इतिहास में एक अलग मुक़ाम हासिल किया था जब उन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने का कीर्तिमान बनाया था। बीजिंग 2008 में पुरुषों की एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल को अपने नाम किया था। अभिनव बिंद्रा ने इसके अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स के साथ साथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल को अपने नाम किया है। अभिनव बिंद्रा को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उसके एक साल बाद ही उनको खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था।
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    अभिनव बिंद्रा निशानेबाजी साल 2008 बीजिंग ओलंपिक ओलंपिक पदक - गोल्ड अभिनव बिंद्रा ने साल 2008 में भारतीय खेल इतिहास में एक अलग मुक़ाम हासिल किया था जब उन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने का कीर्तिमान बनाया था। बीजिंग 2008 में पुरुषों की एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल को अपने नाम किया था। अभिनव बिंद्रा ने इसके अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स के साथ साथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल को अपने नाम किया है। अभिनव बिंद्रा को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उसके एक साल बाद ही उनको खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था।