नागपुर की टर्निंग विकेट पर एक भी बल्लेबाज दमखम के साथ बैटिंग नहीं कर सका।
रोहित शर्मा का बल्ला इस बार टीम इंडिया के काम नहीं आया। टॉप ऑर्डर का परफॉर्म न कर पाना माही के लिए मुश्किल बनता जा रहा है।
मुश्किल परिस्थितियों में सुरेश रैना भी साहस का परिचय न दे सके और उन्होंने भी हड़बड़ाहट में कीवी फील्डर को आसान सा कैच थमा दिया।
विराट कोहली ने इस मैच में थोड़ा एग्रेशन दिखाने की कोशिश की, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो भी पवेलियन चलते बने।
धोनी ने इस मैच में थोड़ा साहस के साथ खेलने की कोशिश जरूर की।
नागपुर की पिच पर 126 का लक्ष्य ज्यादा मुश्किल नहीं था, लेकिन बल्लेबाज इस लक्ष्य को जल्दी हासिल करने की हड़बड़ाहट में पिच पर आते ही शॉट लगाने लगे। टीम इंडिया की यही सबसे बड़ी गलती थी।
धोनी अपने अंदाज के मुताबिक मैच खेल रहे थे अगर उन्हें दूसरे छोर पर किसी मजबूत साथी का साथ मिलता तो वो शायद मैच को टीम इंडिया के पक्ष में कर देते।
टीम इंडिया के खिलाड़ी को आउट करने के बाद जश्न मनाते कीवी खिलाड़ी।
टीम इंडिया के लिए टॉस हारना भी मुश्किल बन गया, क्योंकि नागपुर की पिच एक पारी के बाद ऐसी हो गई थी कि शॉट मारना भी मुश्किल था, जिसके कारण टीम इंडिया के खिलाड़ी एक एक कर आउट होते गए।
126 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने बहुत खराब शुरुआत की, जिसकी किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी।
आशीष नेहरा ने भी 18वें ओवर की पहली गेंद पर सरेंडर कर दिया। यह मैच कीवियों ने 47 रन से जीता।