पेरिस ओलंपिक में ओपनिंग सेरेमनी की शुरुआत 26 जुलाई से हो रही है। इस बार भारत की तरफ कुल 117 प्लेयर्स हिस्सा ले रहे हैं। आइए जानते हैं, साल 2000 के बाद भारत का ओलंपिक में प्रदर्शन कैसा रहा है।
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ओलंपिक 2000 का आयोजन सिडनी में हुआ था। तब भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटफिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। ओलंपिक 2000 में भारत ने कुल एक ही मेडल जीता था।
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ओलंपिक 2004 का आयोजन एथेंस में हुआ था। तब भारत के राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शूटिंग में रजत पदक जीता था। ओलंपिक 2004 में भारत ने एक ही मेडल जीता था।
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ओलंपिक 2008 का आयोजन बीजिंग में हुआ था। तब भारत ने कुल तीन पदक जीते थे। विजेंद्र सिंह ने मुक्केबाजी में ब्रॉन्ज, सुशील कुमार ने कुश्ती में ब्रॉन्ज और अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में गोल मेडल भारत को दिलाया था।
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ओलंपिक 2012 में भारत ने कुल 6 पदक जीते थे। तब साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज, मैरी ने मुक्केबाजी में ब्रॉन्ज, योगेश्वर दत्त ने कुश्ती में ब्रॉन्ज, गगन नारंग ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा विजय कुमार ने शूटिंग में और सुशील कुमार ने कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता था।
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रियो ओलंपिक 2016 में भारत ने कुल दो मेडल जीते थे। पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में भारत को रजत पदक दिलाया था। वह भारत के लिए बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहले भारतीय महिला प्लेयर बनी थीं। इसके अलावा साक्षी मलिक ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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टोक्यो ओलंपिक 2020 भारत का सबसे सफल ओलंपिक रहा है। इस ओलंपिक में भारत ने कुल 7 पदक अपने नाम किए थे। तब भारत के लिए पीवी सिंधु (बैडमिंटन), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी), बजरंग पूनिया (कुश्ती) और भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इसके अलावा मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग) और रवि कुमार दहिया (कुश्ती) दोनों ने ही रजत पदक जीते थे। इसके अलावा जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीता था।