गौरिका सिंह किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में नेपाल की तरफ से जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
गौरिका सिंह ने हाल ही में हर्थफोर्डशिरे में अपने स्कूल से जिला स्तर की स्थानीय चैंपियनशिप पूरी की है।
नेपाल में जन्मी गौरिका केवल दो साल की उम्र में ही लंदन चली गई थीं। अप्रैल 2015 में गौरिका राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के लिए अपनी मां गरिमा और छोटे भाई सौरीन के साथ नेपाल आई थीं और इसी दौरान देश में विनाशकारी भूकंप आ गया था।
नेपाल में पिछले साल आए भूकंप में बचने वाली गौरिका सिंह इस वर्ष ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 5 अगस्त से शुरू होने वाले ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाली सबसे युवा एथलीट हैं। गौरिका की उम्र केवल 13 साल है।
गौरिका ने नेपाल चैम्पियनशिप प्रतियोगिताओं में 11 वर्ष की उम्र से ही हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने सात राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़े हैं।
गौरिका ने कहा, मैं ओलम्पिक जाना चाहती थी, लेकिन इस बारे में आश्वस्त नहीं थी, क्योंकि मैं काफी कम उम्र की थी। जब मुझे एक माह पहले इस बारे में पता चला कि मैं ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लूंगी, तो काफी हैरान थी।
गौरिका रविवार को ओलम्पिक खेलों में पहली बार कदम रखेंगी।
गौरिका सिंह तैराकी में 100 मीटर की ‘बैकस्ट्रोक प्रीलिमिनरी’ स्पर्धा में हिस्सा लेंगी।
गौरिका के पिता पारस का मानना है कि उनकी बेटी सफलता की हकदार है। उनका कहना है कि गौरिका सुबह चार बजे उठकर अभ्यास करती हैं।
दक्षिण एशिया खेलों (सैफ़ गेम्स) में गौरिका सिंह ने चार मेडल जीते थे।