Sunday, November 24, 2024
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दीपा करमाकर: त्रिपुरा से रियो डी जेनेरियो का दुश्वार सफ़र

India TV Sports Desk
Published on: August 08, 2016 8:11 IST
  • दीपा करमाकर पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। वह रियो डि जेनेरियो की वॉल्ट इवेंट के फ़ाइनल में भी पहुंच गई हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं उनके त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य से रियो डि जेनेरियो तक का सफ़र जो तमाम दुश्वारियों से भरा रहा।
    दीपा करमाकर पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। वह रियो डि जेनेरियो की वॉल्ट इवेंट के फ़ाइनल में भी पहुंच गई हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं उनके त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य से रियो डि जेनेरियो तक का सफ़र जो तमाम दुश्वारियों से भरा रहा।
  • त्रिपुरा के अगरतला में दीपा करमाकर का जन्म 9 अगस्त 1993 में हुआ था। दीपा ने 6 साल की उम्र से जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग बिस्बेश्वर नंदी से लेनी शुरू कर दी थी। वह तब से आज तक उनके कोच बने हुए हैं।
    त्रिपुरा के अगरतला में दीपा करमाकर का जन्म 9 अगस्त 1993 में हुआ था। दीपा ने 6 साल की उम्र से जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग बिस्बेश्वर नंदी से लेनी शुरू कर दी थी। वह तब से आज तक उनके कोच बने हुए हैं।
  • दीपा के पैर फ़्लैट हैं जो जिम्नास्ट के लिए बिल्कुल भी आदर्श नहीं माने जाते। ख़ुद दीपा का कहना है कि उनकी एक ग़लती से उनकी मौत हो सकती है लेकिन जीवन में कुछ हासिल करने के लिए जोख़िम लेना ही पड़ता है।
    दीपा के पैर फ़्लैट हैं जो जिम्नास्ट के लिए बिल्कुल भी आदर्श नहीं माने जाते। ख़ुद दीपा का कहना है कि उनकी एक ग़लती से उनकी मौत हो सकती है लेकिन जीवन में कुछ हासिल करने के लिए जोख़िम लेना ही पड़ता है।
  • महिला जिम्नास्टिक में प्रोडुनोवा सबसे मुश्किल वॉल्ट माना जाता है। विश्व में सिर्फ 5 महिला जिम्नास्ट ने इसमे सफलता प्राप्त की ही है और दीपा उनमें से एक हैं।
    महिला जिम्नास्टिक में प्रोडुनोवा सबसे मुश्किल वॉल्ट माना जाता है। विश्व में सिर्फ 5 महिला जिम्नास्ट ने इसमे सफलता प्राप्त की ही है और दीपा उनमें से एक हैं।
  •  दीपा ने शुरु में जिस जिम में ट्रेनिंग लेनी शुरु की वहां जिम्नास्टिक के लिए ज़रुरी उपकरण तक नहीं थे। वहां वॉल्टिंग टैबल तक नहीं थी। दीपा गद्दे बिछाकर उस पर प्रैक्टिस करती थीं। बारिश में जिम में पानी भार जाता था। चारों तरफ चूहे और कॉकरोच होते थे।
    दीपा ने शुरु में जिस जिम में ट्रेनिंग लेनी शुरु की वहां जिम्नास्टिक के लिए ज़रुरी उपकरण तक नहीं थे। वहां वॉल्टिंग टैबल तक नहीं थी। दीपा गद्दे बिछाकर उस पर प्रैक्टिस करती थीं। बारिश में जिम में पानी भार जाता था। चारों तरफ चूहे और कॉकरोच होते थे।
  • दीपा का कहना है कि शुरु में उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना बहुत मुश्किल था लेकिन फिर भी उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से कॉमनवेल्थ गैम्स के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया।
    दीपा का कहना है कि शुरु में उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना बहुत मुश्किल था लेकिन फिर भी उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से कॉमनवेल्थ गैम्स के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया।
  • कॉमनवेल्थ में फ़ाइनल में उनके पैर में सूजन थी और लोगों ने उनसे वॉल्ट में हिस्सा न लेने को कहा लेकिन दीपा ने हार नहीं मानी क्योंकि वॉल्ट में हिस्सा लेकर ही वह मैडल जीत सकती थीं।
    कॉमनवेल्थ में फ़ाइनल में उनके पैर में सूजन थी और लोगों ने उनसे वॉल्ट में हिस्सा न लेने को कहा लेकिन दीपा ने हार नहीं मानी क्योंकि वॉल्ट में हिस्सा लेकर ही वह मैडल जीत सकती थीं।
  • 2014 के कामनवेल्थ खेलों में करमाकर ने 7 का स्कोर हासिल कर भारत की पहली महिला कांस्य पदक विजेता बनी। उसके बाद तो उनका जीवन ही बदल गया।
    2014 के कामनवेल्थ खेलों में करमाकर ने 7 का स्कोर हासिल कर भारत की पहली महिला कांस्य पदक विजेता बनी। उसके बाद तो उनका जीवन ही बदल गया।
  • 2014 की उपलब्धि के बाद दीपा सेलिब्रेटी बन गईं, वह जहां भी जाती लोग उन्हें घेर लेते।
    2014 की उपलब्धि के बाद दीपा सेलिब्रेटी बन गईं, वह जहां भी जाती लोग उन्हें घेर लेते।
  • पिछले साल एशियन चैंपियनशिप में करमाकर ने वोल्ट इवेंट में कांस्य पदक जीता था। साथ ही बीम इवेंट में उन्हें 8वां स्थान मिला था।
    पिछले साल एशियन चैंपियनशिप में करमाकर ने वोल्ट इवेंट में कांस्य पदक जीता था। साथ ही बीम इवेंट में उन्हें 8वां स्थान मिला था।
  • साल 2015 में हुए वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिमनास्टिक्स चैंपियनशिप में वह पहली भारतीय जिसने फाइनल तक का सफर तय किया। क्वालीफाइंग राउंड में दीपा ने 14.9 का स्कोर किया। जबकि फाइनल में उन्होंने 14.863 का स्कोर किया। जिससे उन्हें 5वां स्थान मिला।
    साल 2015 में हुए वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिमनास्टिक्स चैंपियनशिप में वह पहली भारतीय जिसने फाइनल तक का सफर तय किया। क्वालीफाइंग राउंड में दीपा ने 14.9 का स्कोर किया। जबकि फाइनल में उन्होंने 14.863 का स्कोर किया। जिससे उन्हें 5वां स्थान मिला।
  • 18 अप्रैल 2016 को करमाकर रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट बनीं। क्वालीफाइंग राउंड में दीपा ने 52.698 का स्कोर बनाया। फाइनल में उन्हें 42 वां स्थान मिला था।
    18 अप्रैल 2016 को करमाकर रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट बनीं। क्वालीफाइंग राउंड में दीपा ने 52.698 का स्कोर बनाया। फाइनल में उन्हें 42 वां स्थान मिला था।