भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का इतिहास काफी सुनहरा रहा है। अभी तक कुल 15 सीरीज इसके तहत हुई हैं। जिसमें से भारत की पांच सबसे यादगार और ऐतिहासिक जीत इस प्रकार हैं:-
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कोलकाता टेस्ट (2001-02): सौरव गांगुली कप्तानी में भारत ने यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 विकेट से जीता था। इस मैच में फॉलोऑन खेलकर भी टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी। वीवीएस लक्ष्मण की इस मैच में 281 रनों की पारी आज भी यादगार है। हरभजन सिंह ने भी इस मैच में टेस्ट की पहली हैट्रिक ली थी और कुल 13 विकेट पूरे मैच में झटके थे।
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एडिलेड टेस्ट (2003-04): भारत की यह जीत 22 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में आई थी। इस मैच में टीम इंडिया ने 4 विकेट से जीत दर्ज की थी। पहले खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 556 का विशाल स्कोर रिकी पॉन्टिंग के 242 रनों की बदौलत बनाया था। भारत ने लक्ष्मण और द्रविड़ की 388 रनों की साझेदारी के बाद 523 रन बनाए थे। दूसरी पारी में अजीत अगरकर के 6 विकेट से ऑस्ट्रेलियाई टीम 196 पर सिमट गई। भारत को जीत के लिए मिला 230 रनों का टार्गेट जो उसने 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
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मुंबई टेस्ट (2004-05): राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2004-05 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मुंबई में 13 रनों से अपने नाम कर लिया था। इस मैच में टीम इंडिया पहली पारी में महज 104 पर सिमट गई थी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 203 रन बनाए थे। दूसरी पारी में भारत ने सिर्फ 205 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को दिया 107 रनों का लक्ष्य। जवाब में कंगारू टीम सिर्फ 93 पर सिमट गई। इस मैच में भारतीय स्पिन तिकड़ी अनिल कुंबले (6 विकेट), हरभजन सिंह (5 विकेट) और मुरली कार्तिक (7 विकेट) ने जलवा दिखाया था।
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पर्थ टेस्ट (2007-08): यह मैच भारत ने पर्थ की सबसे तेज वाका की पिच पर 73 रनों से जीता था। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 जीत के विजय रथ को रोका था। इस मैच में भारत ने पहले खेलते हुए 330 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया 212 पर ही सिमट गई। इसके बाद दूसरी पारी में भारत ने बनाए 294 रन और ऑस्ट्रेलिया को दिया 413 का लक्ष्य। कंगारू टीम जवाब में 340 ही बना सकी और भारत ने मैच जीत लिया। पहली पारी में भारत के लिए पांच विकेट लेकर इरफान पठान हीरो बने थे। उसके अलावा बल्लेबाजी में राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण ने अहम योगदान दिए थे।
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ब्रिसबेन टेस्ट (2020-21): भारत की यह जीत इन सब जीतों में से सबसे ऐतिहासिक थी। इस सीरीज में टीम इंडिया के सभी बड़े प्लेयर घायल थे या बाहर थे। अजिंक्य रहाणे कप्तान थे। शार्दुल ठाकुर, शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, टी नटराजन जैसे अनुभवहीन खिलाड़ी मुख्य टीम का हिस्सा थे। फिर भी भारत ने यह मुकाबला तीन विकेट से जीता था और 32 साल में गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की यह पहली हार थी। इस जीत के हीरो थे सभी युवा खिलाड़ी ठाकुर, सुंदर, गिल और सिराज। यहीं से भारत ने गाबा का घमंड तोड़ा था। यहां पहले खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 369 रन बनाए थे, फिर भारतीय टीम 336 पर ऑलआउट हो गई थी। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 294 रन बनाकर भारत को 328 का लक्ष्य दिया था। टीम इंडिया ने 7 विकेट खोकर जीत अपने नाम की थी।