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टी20 क्रिकेट यानी फ़टाफट क्रिकेट में बेचारे बॉलरों की अक़्सर घुनाई होती है और दर्शक ये ही दृश्य बार बार देखना भी चाहते हैं। क्रिल गेल हों, एबी डिविलियर्स हों या फिर रोहित शर्मा, इनके बल्ले से जब बॉल आसमान चूमती है तो पूरा स्टेडियम झूम उठता है। लेकिन ऐसे भी मौक़े आए हैं जब गेंदबाज़ो ने हैट्रिक लेकर विरोधी टीम को चारो ख़ाने चित कर दिया।
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युवराज सिंह ने 2009 में ये कारनामा एक बार नही दो बार दोहराया। पंजाब की तरफ से खेलते हुए सबसे पहले उन्होंने डेक्कन चार्जर्स के ख़िलाफ़ हैट्रिक ली। उन्होंने हर्शल गिब्स, एंड्रू साइमंड्स और वेणुगोपाल राव को आउट किया। युवी ने इस मैच में चार ओवर में 22 रन दिए। इसके बाद उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स हेंगलोर के खिलाफ भी हैट्रिक ली। रॉबिन उत्थप्पा, जैक कालिस और मार्क बाउचर उनके शिकार बने। इस मैच में उन्होंने सिर्फ 13 रन दिए।
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अमित मिश्रा ने पहले 2008 में और फिर 2013 में हैट्रिक ली। मिश्रा ने दिल्ली की ओर से खेलते हुए डेक्कन चार्जर्स के रवि तेजा, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह को आउट किया था। इस मैच में उन्होंने 17 रन देकर पांच विकेट लिए थे। फिर 2013 में डेक्कन चार्जर्स की ओर से केलते हुए पुणे वॉरियर्स के खिलाफ फिर हैट्रिक ली। इस मैच में उन्होंने 19 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
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रोहित शर्मा ने 2009 में डेक्कन चार्जर्स की तरफ से खेलते हुए मुंबई इंडियंस के खिलाफ़ हैट्रिक ली थी। उन्होंने अभिषेक नायर, हरभजन सिंह और जेपी डूमनी को आउट किया था। उन्होंने इस मैच में दो ओवर में सिर्फ 6 रन दिए थे।
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2010 में बेंगलोर की तरफ से खेलते हुए प्रवीण कुमार ने राजस्थान के ख़िलाफ़ हैट्रिक ली थी। उन्होंने डेमियन मार्टिन, सुमिक नरवाल और पारस डोगरा को शिकार बनाया था।
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2013 में राजस्थान के अजीत चंदेला पुणे वॉरियर्स के खिलाफ़ हैट्रिक ली थी। उन्होंने जेसन राइडर, सौरव गांगुली और रॉबिन उथ्प्पा को आउट किया था। अपने 4 ओवर में उन्होंने सिर्फ 13 रन दिए।
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कोलकता नाइट राइडर्स के सुनील नरेन ने 2013 में पंजाब के खिलाफ़ डेविड हसी, अज़हर महमूद और गुरकीरत को आउट कर हैट्रिक ली थी।
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2014 में प्रवीण तांबे ने कोलकता के लिए राजस्थान के खिलाफ़ हैट्रिक का कारनामा दिखाया था। उन्होंने मनीष पांडे, यूसुफ पल्लान और रयान डोश्केट को आउट किया था।