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Mahakumbh: रबड़ी बाबा, एंबेसडर बाबा और चाय वाले बाबा...देखें साधुओं का अनोखा संसार

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari @lallkajal Published on: January 12, 2025 17:45 IST
  • महाकुंभ 2025 सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में डुबकी लगाएंगे।
    Image Source : file photo
    महाकुंभ 2025 सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में डुबकी लगाएंगे।
  • 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में पहुंचे साधुओं का अनोखा संसार भी दिखाई देगा। इसमें  अद्वितीय नजारे दिखेंगे। मेले में चाभी वाले बाबा भी होंगे जो 20 किलो की चाबी लेकर चलते हैं। इनका नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है जो चाभी वाले बाबा या कबीरा के नाम से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
    Image Source : ani
    13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में पहुंचे साधुओं का अनोखा संसार भी दिखाई देगा। इसमें अद्वितीय नजारे दिखेंगे। मेले में चाभी वाले बाबा भी होंगे जो 20 किलो की चाबी लेकर चलते हैं। इनका नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है जो चाभी वाले बाबा या कबीरा के नाम से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
  • महाकुंभ में एंबेसडर बाबा भी पहुंचे हैं जिनकी कार 52साल पुरानी है। वे अपनी कार को मां समान समझते हैं। कार ही उनकी दुनिया है और वे उसी में रहते हैं। लोग उन्हें टार्जन बाबा भी कहते हैं। उनका असली नाम महंत राजगिरी है और वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
    Image Source : ani
    महाकुंभ में एंबेसडर बाबा भी पहुंचे हैं जिनकी कार 52साल पुरानी है। वे अपनी कार को मां समान समझते हैं। कार ही उनकी दुनिया है और वे उसी में रहते हैं। लोग उन्हें टार्जन बाबा भी कहते हैं। उनका असली नाम महंत राजगिरी है और वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
  • मेले में चाय वाले बाबा भी पहुंचे हैं जो पिछले 41 साल से मौन हैं और केवल चाय पीकर ही जीवित हैं। वे छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देते हैं, जो उनके समर्पण और ऊर्जा का उदाहरण है। उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। वे दिनभर में 10 बार सिर्फ दूध की चाय पीते हैं।
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    मेले में चाय वाले बाबा भी पहुंचे हैं जो पिछले 41 साल से मौन हैं और केवल चाय पीकर ही जीवित हैं। वे छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देते हैं, जो उनके समर्पण और ऊर्जा का उदाहरण है। उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। वे दिनभर में 10 बार सिर्फ दूध की चाय पीते हैं।
  • रुद्राक्ष बाबा की भी महाकुंभ में खूब चर्चा हो रही है। बाबा अपने 11,000 रुद्राक्षों को अपने सिर पर धारण किए हुए हैं। ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 11,000 रुद्राक्षों का वजन 30 किलो से ज़्यादा है।
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    रुद्राक्ष बाबा की भी महाकुंभ में खूब चर्चा हो रही है। बाबा अपने 11,000 रुद्राक्षों को अपने सिर पर धारण किए हुए हैं। ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 11,000 रुद्राक्षों का वजन 30 किलो से ज़्यादा है।
  • ‘पर्यावरण बाबा’ भी महाकुंभ में आए हैं, जिन्हें सोने के गहनों और पर्यावरण रक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम अरुण गिरी है, और वे अब तक 1 करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं।

महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी, जिन्हें 'पर्यावरण बाबा' के नाम से भी जाना जाता है
    Image Source : ANI
    ‘पर्यावरण बाबा’ भी महाकुंभ में आए हैं, जिन्हें सोने के गहनों और पर्यावरण रक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम अरुण गिरी है, और वे अब तक 1 करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी, जिन्हें 'पर्यावरण बाबा' के नाम से भी जाना जाता है
  • दोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लेंडर बाबा 14 दिनों की यात्रा कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं। तो वहीं एक
    Image Source : ANI
    दोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लेंडर बाबा 14 दिनों की यात्रा कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं। तो वहीं एक "बवंडर बाबा भी महाकुंभ पहुंचे हैं। ये अनोखे नामों से चर्चा में आए साधुओं ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
  • महाकुंभ में छोटू बाबा भी पहुंचे हैं जिनका कद मात्र तीन फीट है। उनका नाम गंगापुरी महाराज है जो असम के कामाख्या पीठ से जुड़े हैं। बाबा की उम्र 57 साल है और उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है।
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    महाकुंभ में छोटू बाबा भी पहुंचे हैं जिनका कद मात्र तीन फीट है। उनका नाम गंगापुरी महाराज है जो असम के कामाख्या पीठ से जुड़े हैं। बाबा की उम्र 57 साल है और उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है।
  • महाकुंभ में राबड़ी बाबा ने सबका ध्यान खींचा, भक्तों के लिए मुफ्त सेवा से महंत देव गिरि महाराज सुर्खियों में बने हुए हैं। वो महाकुंभ में आने वाले लोगों को रबड़ी बनाकर खिला रहे हैं, इसी वजह से लोग उन्हें रबड़ी वाले बाबा भी कहकर बुलाते हैं।
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    महाकुंभ में राबड़ी बाबा ने सबका ध्यान खींचा, भक्तों के लिए मुफ्त सेवा से महंत देव गिरि महाराज सुर्खियों में बने हुए हैं। वो महाकुंभ में आने वाले लोगों को रबड़ी बनाकर खिला रहे हैं, इसी वजह से लोग उन्हें रबड़ी वाले बाबा भी कहकर बुलाते हैं।
  • महाकुंभ में बाहुबली बाबा भी पहुंचे हैं जो पंजाब के एक साधु हैं जो प्रयागराज में कुंभ मेले में साइकिल चलाकर आए हैं।, रास्ते में उन्होंने पेड़ लगाए और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई।
    Image Source : ANI
    महाकुंभ में बाहुबली बाबा भी पहुंचे हैं जो पंजाब के एक साधु हैं जो प्रयागराज में कुंभ मेले में साइकिल चलाकर आए हैं।, रास्ते में उन्होंने पेड़ लगाए और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई।