Monday, April 07, 2025
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क्या दिल्ली के अब तक के सभी CMs के नाम जानते हैं आप? जानें रेखा गुप्ता किस नंबर पर

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1 Updated on: February 19, 2025 21:59 IST
  • दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 11 दिन हो गए। प्रचंड जीत हासिल कर बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम का भी ऐलान कर दिया है। दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता होंगी, जो 20 जनवरी को रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ लेंगी। दिल्ली में अब तक 8 मुख्यमंत्री हुए हैं। रेखा गुप्ता 9वीं मुख्यमंत्री होंगी। ऐसे में आइए उन मुख्यमंत्रियों के बारे में जान लें जिन्होंने 1952 से लेकर अब तक दिल्ली का नेृत्व किया है।
    Image Source : PTI
    दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 11 दिन हो गए। प्रचंड जीत हासिल कर बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम का भी ऐलान कर दिया है। दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता होंगी, जो 20 जनवरी को रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ लेंगी। दिल्ली में अब तक 8 मुख्यमंत्री हुए हैं। रेखा गुप्ता 9वीं मुख्यमंत्री होंगी। ऐसे में आइए उन मुख्यमंत्रियों के बारे में जान लें जिन्होंने 1952 से लेकर अब तक दिल्ली का नेृत्व किया है।
  • पहला दिल्ली विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था। इस दौरान विधानसभा में 48 सदस्य थे। पहले चुनाव में कांग्रेस को 48 में से 36 सीटों पर जीत मिली, जबकि भारतीय जनसंघ को 5 और सोशलिस्ट पार्टी को दो सीटें मिलीं। इस तरह दिल्ली में पहला सीएम कांग्रेस की ओर से चौधरी ब्रह्म प्रकाश को बनाया गया, जिन्हें 'एक्सीडेंटल सीएम' भी कहा जाता है। 34 वर्षीय ब्रह्म प्रकाश किसान नेता थे और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हुआ करते थे। 17 मार्च 1952 को ब्रह्म प्रकाश ने सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, उन्होंने 2 साल 332 दिन के बाद 12 फरवरी 1955 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
    Image Source : IndiaTv
    पहला दिल्ली विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था। इस दौरान विधानसभा में 48 सदस्य थे। पहले चुनाव में कांग्रेस को 48 में से 36 सीटों पर जीत मिली, जबकि भारतीय जनसंघ को 5 और सोशलिस्ट पार्टी को दो सीटें मिलीं। इस तरह दिल्ली में पहला सीएम कांग्रेस की ओर से चौधरी ब्रह्म प्रकाश को बनाया गया, जिन्हें 'एक्सीडेंटल सीएम' भी कहा जाता है। 34 वर्षीय ब्रह्म प्रकाश किसान नेता थे और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हुआ करते थे। 17 मार्च 1952 को ब्रह्म प्रकाश ने सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, उन्होंने 2 साल 332 दिन के बाद 12 फरवरी 1955 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
  • इसके बाद दिल्ली का अगला सीएम गुरमुख निहाल सिंह को बनाया गया। वह 13 फरवरी 1955 को दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उनका कार्यकाल महज 1 साल 263 दिन तक ही चला। राज्य पुनर्गठन आयोग (1955) की सिफारिशों के बाद दिल्ली 1 नवंबर 1956 से भाग-सी राज्य नहीं रही। दिल्ली विधानसभा और मंत्रिपरिषद को समाप्त कर दिया गया और दिल्ली राष्ट्रपति के प्रत्यक्ष प्रशासन के तहत केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
    Image Source : IndiaTv
    इसके बाद दिल्ली का अगला सीएम गुरमुख निहाल सिंह को बनाया गया। वह 13 फरवरी 1955 को दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उनका कार्यकाल महज 1 साल 263 दिन तक ही चला। राज्य पुनर्गठन आयोग (1955) की सिफारिशों के बाद दिल्ली 1 नवंबर 1956 से भाग-सी राज्य नहीं रही। दिल्ली विधानसभा और मंत्रिपरिषद को समाप्त कर दिया गया और दिल्ली राष्ट्रपति के प्रत्यक्ष प्रशासन के तहत केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
  • 1991 के दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी अधिनियम के तहत विधानसभा बनी थी। 1992 में परिसीमन के बाद 1993 में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव हुए। इसके बाद दिल्ली को एक निर्वाचित विधानसभा और मुख्यमंत्री मिला। नई गठित विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बाजी मारी। बीजेपी की ओर से मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 49 सीटें जीती थीं। हालांकि, मदनलाल खुराना 26 फरवरी 1996 तक ही मुख्यमंत्री रह सके।
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    1991 के दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी अधिनियम के तहत विधानसभा बनी थी। 1992 में परिसीमन के बाद 1993 में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव हुए। इसके बाद दिल्ली को एक निर्वाचित विधानसभा और मुख्यमंत्री मिला। नई गठित विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बाजी मारी। बीजेपी की ओर से मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 49 सीटें जीती थीं। हालांकि, मदनलाल खुराना 26 फरवरी 1996 तक ही मुख्यमंत्री रह सके।
  • इसके बाद उनकी जगह साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने, लेकिन चुनाव से पहले उनकी भी विदाई हो गई।
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    इसके बाद उनकी जगह साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने, लेकिन चुनाव से पहले उनकी भी विदाई हो गई।
  • इसके बाद 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, बीजपी को इसी साल हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
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    इसके बाद 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, बीजपी को इसी साल हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
  • दूसरी बार 1998 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी और बीजपी को सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बनीं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं। बीजेपी को 15, जनता दल को 1 और निर्दलीयों को 2 सीटें मिलीं। 2003 और 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शीला दीक्षित ने कांग्रेस को जीत दिलाई। 2003 में कांग्रेस को 47 और बीजेपी को 20 सीटें मिलीं। 2008 के चुनाव में कांग्रेस को 43, बीजेपी को 23 और बसपा को 2 सीटें मिलीं।
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    दूसरी बार 1998 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी और बीजपी को सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बनीं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं। बीजेपी को 15, जनता दल को 1 और निर्दलीयों को 2 सीटें मिलीं। 2003 और 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शीला दीक्षित ने कांग्रेस को जीत दिलाई। 2003 में कांग्रेस को 47 और बीजेपी को 20 सीटें मिलीं। 2008 के चुनाव में कांग्रेस को 43, बीजेपी को 23 और बसपा को 2 सीटें मिलीं।
  • 2008 के दौरान ही कांग्रेस की दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही विवादों में घिर गईं। कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों पर घिरने के बाद शीला दीक्षित की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई। इसमें एक बड़ी भूमिका अन्ना हजारे के जनलोकपाल कानून के लिए किए गए आंदोलन की रही। अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी अन्ना हजारे आंदोलन से उभरी। अस्तित्व में आई नई नवेली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से कई सीटें छीन लीं। 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बहुमत से काफी दूर रही। 31 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को महज 8 सीटें ही मिलीं। 'आप' ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, ये सरकार सिर्फ 49 दिन तक ही चल सकी।
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    2008 के दौरान ही कांग्रेस की दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही विवादों में घिर गईं। कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों पर घिरने के बाद शीला दीक्षित की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई। इसमें एक बड़ी भूमिका अन्ना हजारे के जनलोकपाल कानून के लिए किए गए आंदोलन की रही। अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी अन्ना हजारे आंदोलन से उभरी। अस्तित्व में आई नई नवेली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से कई सीटें छीन लीं। 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बहुमत से काफी दूर रही। 31 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को महज 8 सीटें ही मिलीं। 'आप' ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, ये सरकार सिर्फ 49 दिन तक ही चल सकी।
  • इसके बाद 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर नया इतिहास रचा। 'आप' ने 70 में से 67 सीटें जीतकर बीजेपी-कांग्रेस को मैदान में टिकने लायक नहीं छोड़ा। अरविंद केजरीवाल दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। 'आप' ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, बीजेपी को 8 सीटें मिलीं। इस तरह एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बने। चुनाव से पहले शराब घोटाला मामले में घिरने के बाद अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया। 2025 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने 142 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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    इसके बाद 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर नया इतिहास रचा। 'आप' ने 70 में से 67 सीटें जीतकर बीजेपी-कांग्रेस को मैदान में टिकने लायक नहीं छोड़ा। अरविंद केजरीवाल दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। 'आप' ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, बीजेपी को 8 सीटें मिलीं। इस तरह एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बने। चुनाव से पहले शराब घोटाला मामले में घिरने के बाद अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया। 2025 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने 142 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
  • दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने वाली रेखा गुप्ता शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे मौजूदा समय में दिल्ली बीजेपी की महासचिव और बीजेपी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
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    दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने वाली रेखा गुप्ता शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे मौजूदा समय में दिल्ली बीजेपी की महासचिव और बीजेपी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।