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दिल्ली का ओवरऑल AQI 400 के पार पहुंच गया है। स्मॉग की मोटी चादर में दिल्ली लिपटी नजर आ रही है। आनंद विहार का AQI 441 जबकि अशोक विहार का AQI 440 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी हालात बदतर हैं।
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दिल्ली-NCR की हवा 'जहरीली' होती जा रही है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, उसी तेजी से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। जहांगीरपुरी का इलाका हो या ओखला का, मुंडका हो या सरायकाले खां का, हर जगह AQI 400 के पार है।
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दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज से ग्रैप-3 लागू किया जाएगा। इस दौरान दिल्ली में रिजस्टर्ड डीजल वाहनों के चलने पर रोक रहेगी। यह नियम दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पर लागू होगा।
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प्रदूषण का स्तर अगर इससे ज्यादा खराब होता है तो ग्रैप-4 भी लागू किया जा सकता है। उस स्थिति में बच्चों और बुजुर्गों को जहां तक हो सकते घर से न निकलने की सलाह दी जाती है।
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दिल्ली-NCR के लिए ग्रैप को वायु गुणवत्ता के 4 फेज में बांटा गया है - फेज 1 'खराब' AQI के लिए जो 201 से 300 के बीच है, फेज 2 'बहुत खराब' AQI (301-400) के लिए, फेज 3 'गंभीर' AQI (401-450) के लिए और फेज 4 'बेहद गंभीर' AQI (450 से ज्यादा) के लिए होता है।
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आसान भाषा में कहें तो दिल्ली की इस हवा में सांस लेना ऐसा है जैसे आप हर दिन 15 से ज्यादा सिगरेट पी रहे हैं। ऐसे हालात में प्रदूषण का गंभीर असर सांस की बीमारियों के मरीजों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर नजर आने लगता है।
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने के बीच डॉक्टरों का कहना है कि इसका असर सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर है, जो व्यक्ति के मिजाज और भावनात्मक क्षमता को प्रभावित करता है।
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डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए, खासकर सुबह और देर शाम के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की जरूरत है, जब वायु गुणवत्ता आमतौर पर खराब होती है।