Sunday, December 22, 2024
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लद्दाख में चीन से सटे इलाके में भारत बना रहा सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई अड्डा, देखें- तस्वीरें

Reported By : Manish Prasad Written By : Mangal Yadav Updated on: November 02, 2024 23:23 IST
  • सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख के न्योमा में भारत के सबसे ऊंचे लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करेगा। न्योमा गांव लगभग 13,700 फीट की ऊंचाई पर पैंगोंगत्सो के दक्षिणी तट के करीब स्थित है। न्योमा चीन के साथ एलएसी से लगभग 46 किलोमीटर दूर है।
    Image Source : india tv
    सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख के न्योमा में भारत के सबसे ऊंचे लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करेगा। न्योमा गांव लगभग 13,700 फीट की ऊंचाई पर पैंगोंगत्सो के दक्षिणी तट के करीब स्थित है। न्योमा चीन के साथ एलएसी से लगभग 46 किलोमीटर दूर है।
  • जानकारी के अनुसार, लद्दाख में 2.7 किलोमीटर लंबे रनवे का 95% काम पूरा हो चुका है। अन्य बुनियादी ढांचे का काम सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
    Image Source : india tv
    जानकारी के अनुसार, लद्दाख में 2.7 किलोमीटर लंबे रनवे का 95% काम पूरा हो चुका है। अन्य बुनियादी ढांचे का काम सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
  • लड़ाकू हवाई अड्डे का निर्माण 13,700 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है, जो चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 35 किलोमीटर और लेह शहर से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन के साथ विवादित सीमा के निकट चल रही परियोजनाओं से देश की सुदूरवर्ती सीमाओं पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
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    लड़ाकू हवाई अड्डे का निर्माण 13,700 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है, जो चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 35 किलोमीटर और लेह शहर से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन के साथ विवादित सीमा के निकट चल रही परियोजनाओं से देश की सुदूरवर्ती सीमाओं पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
  • अधिकारियों ने बताया कि रनवे पर 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और यह किसी भी तरह के विमान की आपातकालीन लैंडिंग के लिए तैयार है। हालांकि, राष्ट्रीय परियोजना की औपचारिक शुरुआत अगले साल होगी क्योंकि हैंगर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग और हार्ड-स्टैंडिंग एरिया सहित संबद्ध बुनियादी ढांचे को सितंबर 2025 तक पूरा करने की योजना है।
    Image Source : india tv
    अधिकारियों ने बताया कि रनवे पर 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और यह किसी भी तरह के विमान की आपातकालीन लैंडिंग के लिए तैयार है। हालांकि, राष्ट्रीय परियोजना की औपचारिक शुरुआत अगले साल होगी क्योंकि हैंगर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग और हार्ड-स्टैंडिंग एरिया सहित संबद्ध बुनियादी ढांचे को सितंबर 2025 तक पूरा करने की योजना है।
  • लद्दाख में 755 बीआरटीएफ का नेतृत्व करने वाली महिला अधिकारी कर्नल पोनुंग डोमिंग परियोजना के निर्माण की देखरेख कर रही हैं। उन्होंने कहा कि रनवे का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। परियोजना की मंजूरी 2023 में मिली थी। 12 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। इस हवाई अड्डे के निर्माण पर 218 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
    Image Source : ANI
    लद्दाख में 755 बीआरटीएफ का नेतृत्व करने वाली महिला अधिकारी कर्नल पोनुंग डोमिंग परियोजना के निर्माण की देखरेख कर रही हैं। उन्होंने कहा कि रनवे का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। परियोजना की मंजूरी 2023 में मिली थी। 12 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। इस हवाई अड्डे के निर्माण पर 218 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
  • अधिकारी ने कहा कि इससे बुनियादी ढांचे की जरूरतों को काफी बढ़ावा मिला है। जिससे न केवल सशस्त्र बलों को बल मिला है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आई है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी वाले षेत्र में 600 किलोमीटर से अधिक सड़कें आती हैं। ज़्यादातर सीमावर्ती इलाके हैं जहां काम चल रहा है।
    Image Source : pti
    अधिकारी ने कहा कि इससे बुनियादी ढांचे की जरूरतों को काफी बढ़ावा मिला है। जिससे न केवल सशस्त्र बलों को बल मिला है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आई है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी वाले षेत्र में 600 किलोमीटर से अधिक सड़कें आती हैं। ज़्यादातर सीमावर्ती इलाके हैं जहां काम चल रहा है।
  • बता दें कि न्योमा, पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर स्थित है और एलएसी के 3,488 किलोमीटर क्षेत्र के निकट होने के कारण अत्यधिक सामरिक महत्व रखता है।
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    बता दें कि न्योमा, पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर स्थित है और एलएसी के 3,488 किलोमीटर क्षेत्र के निकट होने के कारण अत्यधिक सामरिक महत्व रखता है।
  • न्योमा हवाई क्षेत्र के निर्माण से न केवल भारी परिवहन विमानों का निर्बाध संचालन संभव होगा, बल्कि मिग-29 और एसयू-30 एमकेआई सहित लड़ाकू विमानों की तैनाती का मार्ग भी प्रशस्त होगा। नया रनवे इन दुर्जेय विमानों को एलएसी के और करीब लाएगा, जिससे क्षेत्र में भारत की रक्षात्मक स्थिति मजबूत होगी।
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    न्योमा हवाई क्षेत्र के निर्माण से न केवल भारी परिवहन विमानों का निर्बाध संचालन संभव होगा, बल्कि मिग-29 और एसयू-30 एमकेआई सहित लड़ाकू विमानों की तैनाती का मार्ग भी प्रशस्त होगा। नया रनवे इन दुर्जेय विमानों को एलएसी के और करीब लाएगा, जिससे क्षेत्र में भारत की रक्षात्मक स्थिति मजबूत होगी।
  • 2020 में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु सेना ने न्योमा में एमआई-17 मध्यम-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों, सीएच-47 एफ, चिनूक हेलीकॉप्टरों और एएच-64ई अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टरों के बेड़े को तैनात करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।
    Image Source : pti
    2020 में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु सेना ने न्योमा में एमआई-17 मध्यम-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों, सीएच-47 एफ, चिनूक हेलीकॉप्टरों और एएच-64ई अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टरों के बेड़े को तैनात करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।
  • बीआरओ ने पिछले तीन वर्षों में 8,737 करोड़ रुपये की लागत वाली 330 परियोजनाएं पूरी की हैं, जिससे एलएसी पर सेना की रणनीतिक गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये परियोजनाएं चीन के खिलाफ भारत की प्रतिरोधक रणनीति को मजबूत करती हैं।
    Image Source : pti
    बीआरओ ने पिछले तीन वर्षों में 8,737 करोड़ रुपये की लागत वाली 330 परियोजनाएं पूरी की हैं, जिससे एलएसी पर सेना की रणनीतिक गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये परियोजनाएं चीन के खिलाफ भारत की प्रतिरोधक रणनीति को मजबूत करती हैं।