बिहार में लोगों को बाढ़ से राहत मिलती नहीं दिख रही है। बिहार के तेरह जिलों में जहां तक नजर जाती है सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। उफनती लहरों ने पुल को बहा दिया है तो सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। जहां तक मैदानी इलाकों का सवाल है तो गांव के गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। अभी तक कुल 77 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है जबकि अब बाढ़ का पानी राजधानी पटना में घुसने वाला है। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पुनपुन और अन्य छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं।
बाढ़ से खासे प्रभावित कटिहार जिले में राहत एवं बचाव कार्य चलाने के लिए सेना की तीन कंपनियों को तैनात किया गया है। नेपाल से बिहार में आने वाली नदियों के जलस्तर में इजाफा होने के चलते बिहार के सीमांचल कहे जाने वाले इलाके के चार जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में हालात गंभीर हैं। कटिहार ज़िले में सेना ने बुदवार को कई गांवों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
गोपालगंज में बाढ़ से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पूर्वी चंपारण ज़िले के रामगधवा में नैशनल हाईवे 28 पर बाढ़ का ऐसा प्रकोप कि एक भारी भरकम ट्रक भी ख़ुद को बचा नहीं सका।
पश्चिमी चंपारण में बाढ़ प्रभावित एक गांव का दृश्य।
सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाक़ों का हवाई सर्वेक्षण किया।