Friday, November 22, 2024
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अलविदा अटल: तस्वीरों में देखें, पूर्व प्रधानमंत्री और जननेता वाजपेयी की जीवन यात्रा

Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 16, 2018 17:54 IST
  • अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में मध्यमवर्गीय ब्राह्म परिवार में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर हुआ था। उनके पिता एक कवि होने के साथ ही स्कूल में शिक्षक थे। वाजपेयी की शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। बाद में उन्होंने लक्ष्मी बाई कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली। कानपुर के एंग्लो-वैदिक कॉलेज से वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। वे 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और 1947 में उसके प्रचारक (पूर्णकालिक कार्यकर्ता) बन गए।
    Image Source : इंडिया टीवी

    अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में मध्यमवर्गीय ब्राह्म परिवार में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर हुआ था। उनके पिता एक कवि होने के साथ ही स्कूल में शिक्षक थे। वाजपेयी की शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। बाद में उन्होंने लक्ष्मी बाई कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली। कानपुर के एंग्लो-वैदिक कॉलेज से वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। वे 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और 1947 में उसके प्रचारक (पूर्णकालिक कार्यकर्ता) बन गए।

  • 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नई शुरुआत की। कारगिल की जंग के दौरान भी ये बस सर्विस जारी थी। हालांकि, 2001 में पार्लियामेंट अटैक के बाद इसे रोक दिया गया था। 16 जुलाई 2003 में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के बाद इसे दोबारा शुरू कर दिया गया।

    19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नई शुरुआत की। कारगिल की जंग के दौरान भी ये बस सर्विस जारी थी। हालांकि, 2001 में पार्लियामेंट अटैक के बाद इसे रोक दिया गया था। 16 जुलाई 2003 में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के बाद इसे दोबारा शुरू कर दिया गया।

  • पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी को खराब सेहत के कारण 27 मार्च, 2015 को प्रोटोकॉल तोड़कर उनके आवास में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था।

    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी को खराब सेहत के कारण 27 मार्च, 2015 को प्रोटोकॉल तोड़कर उनके आवास में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था।

  • अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया।

    अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया।

  • गुजरात दंगे का जब भी जिक्र होता है को अटल जी के राजधर्म की चर्चा भी होती है। अटल जी ने ये राजधर्म का संदेश गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को दिया था। ये वो वक्त था जब गुजरात में हुई हिंसा के बाद हर तरफ से मोदी के इस्तीफे की मांग उठ रही थी। इसी अटल जी ने गुजरात दौरा किया था। जब अटल जी पत्रकारों से बात कर रहे थे तब उनसे सवाल किया गया आपने अपने इस दौरे में अधिकारियों को संदेश दिए हैं। क्या मुख्यमंत्री के लिए भी आपका कोई संदेश है। इस सवाल के जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी बोले मैं इतना ही कहूंगा ''वो राजधर्म का पालन'' करें।

    गुजरात दंगे का जब भी जिक्र होता है को अटल जी के राजधर्म की चर्चा भी होती है। अटल जी ने ये राजधर्म का संदेश गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को दिया था। ये वो वक्त था जब गुजरात में हुई हिंसा के बाद हर तरफ से मोदी के इस्तीफे की मांग उठ रही थी। इसी अटल जी ने गुजरात दौरा किया था। जब अटल जी पत्रकारों से बात कर रहे थे तब उनसे सवाल किया गया आपने अपने इस दौरे में अधिकारियों को संदेश दिए हैं। क्या मुख्यमंत्री के लिए भी आपका कोई संदेश है। इस सवाल के जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी बोले मैं इतना ही कहूंगा ''वो राजधर्म का पालन'' करें।

  • अटल बिहारी वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे। वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता (ओरेटर) एवं सिद्ध हिन्दी कवि भी थें। अटल जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया अपितु सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

    अटल बिहारी वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे। वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता (ओरेटर) एवं सिद्ध हिन्दी कवि भी थें। अटल जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया अपितु सफलता पूर्वक संचालित भी किया।