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नोटबंदी की घोषणा के बाद नोटबंदी से जुड़ी खबरें हों या नमक की कमी की अफवाहें, वर्ष 2016 में देशभर में फर्जी खबरों को लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस तरह की अफवाहें फैलाने में जहां सोशल मीडिया का योगदान बढ़-चढ़ कर रहा, वहीं देश की मुख्यधारा की मीडिया भी इन फर्जी खबरों के झांसे में आ गई। इन खबरों की व्यापकता और प्रभाव इस कदर रहा कि यूनेस्को और भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई जैसी आधिकारिक संस्थाओं को इनके खंडन के लिए आगे आना पड़ा।
यहां तक कि दुनिया की दो सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग और इंटरनेट कंपनियों फेसबुक और गूगल को इस तरह की फर्जी खबरों के कारण कानूनी दांवपेच का सामना भी करना पड़ा।
आइए, नजर डालते हैं 2016 में इसी तरह की कुछ फर्जी खबरों पर, जिस पर देश की आम आबादी ने ही नहीं बल्कि कुछ शीर्ष मीडिया संस्थानों ने भी विश्वास कर लिया।
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नए नोटों में जीपीएस चिप लगी हुई है, जिससे कालेधन का पता चल जाएगा। यहां तक दावा किया गया कि इन नए नोटों को अगर जमीन के अंदर 120 मीटर नीचे तक दबा दिया जाए तो भी इसमें लगी जीपीएस चिप से सरकार को संकेत मिलेंगे। इस अफवाह का लाभ उठाते हुए कुछ लोगों ने निजी तौर पर ऐसे मोबाइल एप विकसित कर दिए, जिसमें स्कैन करने पर नोट के अंदर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण चलने लगता है।
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जयललिता की बेटी और उत्तराधिकारी अमेरिका में रहती हैं। इस संदेश के साथ जयललिता की एक तस्वीर भी प्रसारित हुई, जिसमें उनके बगल में खड़ी एक लड़की के उनकी बेटी होने का दावा किया गया। इस अफवाह का खंडन प्रख्यात गायिका और टेलीविजन शो होस्ट चिन्मई श्रीपता ने किया और बताया कि तस्वीर में दिख रही लड़की का जयललिता से कोई संबंध नहीं है और वह आस्ट्रेलिया में रहती है।
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नोटबंदी को लेकर कई तरह की फर्जी खबरें फैलीं और इन्हीं में एक अफवाह के मुताबिक, नए नोटों में रेडियोधर्मी स्याही का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से आरबीआई बड़ी संख्या में एकसाथ रखे गए नोटों का पता लगा सकती है। नोटबंदी के बाद कई जगहों से बड़ी संख्या में नए नोटों की बरामदगी के पीछे इस रेडियोधर्मी स्याही को ही वजह बताई गई।
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आरबीआई ने 10 रुपये के सिक्के को अवैध घोषित किया। इस तरह के फर्जी संदेश व्हाट्सएप पर आगरा, दिल्ली और मेरठ में खूब प्रसारित हुए। इस फर्जी खबर के चलते आम नागरिकों को परेशानी तब झेलनी पड़ी, जब दुकानदार 10 रुपये के सिक्के लेने से मना करने लगे। अंतत: आरबीआई को घोषणा करनी पड़ी कि 10 रुपये के सिक्के वैध हैं और उन्हें लेने से मना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
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बीबीसी इंडिया के पूर्व ब्यूरो चीफ और जाने-माने पत्रकार मार्क टुली के हवाले से एक फर्जी खबर फैली कि टुली ने मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति समर्थन जताते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर बरगद के किसी वृक्ष की तरह सरकारी संस्थानों को निष्प्रभावी करने का आरोप लगाया। टुली ने हालांकि समाचार-पत्र हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित होने वाले अपने स्तंभ के जरिए इसका खंडन किया।
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व्हाट्सएप प्रोफाइल तस्वीर का इस्तेमाल आईएसआईएस कर सकता है। व्हाट्सएप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के हवाले से यह फर्जी खबर प्रसारित की गई और संदेश के नीचे दिल्ली के तथाकथित पुलिस आयुक्त ए.के. मित्तल के हस्ताक्षर भी थे।
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यूनेस्को द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र को सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री घोषित किया जाना। सबसे रोचक बात तो यह है कि यह फर्जी खबर अभी भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।
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यूनेस्को ने भारत की 2,000 रुपये की नई मुद्रा को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मुद्रा घोषित की। इस बार यूनेस्को की सांस्कृतिक जागरूकता विभाग के अध्यक्ष सौरभ मुखर्जी के हवाले से यह अफवाह फैली। दुनिया के अग्रणी मीडिया समूह बीबीसी की नजर भी इस अफवाह पर गई और उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "भारत में हजारों की संख्या में व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले लोग इस संदेश को खुशी के इजहार के साथ प्रसारित कर रहे हैं।"
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यूनेस्को ने भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन..' को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया। यह अफवाह पहली बार 2008 में ईमेल के माध्यम से फैली थी और तब यूनेस्को ने इसका खंडन भी किया था। लेकिन 2016 में स्वतंत्रता दिवस के आस-पास एकबार फिर यह झूठी खबर सोशल मीडिया के माध्यम से जोर-शोर से फैली।
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देश में हुई नमक की कमी। इस खबर ने तो किराने की दुकानों पर नमक लेने वालों का तांता लगा दिया और कई जगहों पर तो बहुत ऊंचे दामों पर नमक बिके भी। कानपुर में लोग एक दुकान में नमक के पैकेट लूटने लगे और भगदड़ के बीच पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से एक महिला की मौत तक हो गई।