कहते हैं भगवान के आगे किसी की ही चलती, वो कब क्या कर दे कोई नहीं जानता। नाइजीरिया की रहने वाली 19 साल की लड़की के साथ भी कुछ ऐसा हुआ एक प्लास्टिक के टब में रहने को मजबूर है। इस लड़की का नाम रहमा हरुना है और वह प्लास्टिक के डिब्बे में रहती है। उसी में खाती है, उसी में खेलती है और उसी में घूमने जाती है।
रहमा जब पैदा हुई तब वो दुसरे बच्चों की तरह बिलकुल स्वस्थ थी। जैसी ही वह 6 महीने की हुई उसके बाद उसके शरीर को एक अजीब बीमारी ने जकड़ लिया। एक ऐसी बीमारी जिसको रहस्य कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस बीमारी की वजह से उसके हाथ और पैर छोटे होने शुरु हो गए।
आज रहमा हरुना 19 साल की है लेकिन अब इसके हाथ और पैरा है ही नहीं। अब वो एक टब में रहती है। टब को उठाकर रहमा हरुना को इधर उधर लेजाना पड़ता है।
उसकी मां फादी ने बताया कि जबसे उसने बैठना शुरु किया उसी समय से यह दिक्कत शुरु हुई। उसने रेंगना तो सीखा ही नहीं। इस बीमारी की शुरुआत बुखार से हुई थी। उसके बाद रहमा हरुना के पेट में दर्द हुआ और धीरे-धीरे यह दर्द हाथ पैर होकर पूरे शरीर में फैल गया।
रहमा हरुना की इस हालत की वजह से उसके परीवार वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रहमा हरुना खुद से कहीं आ जा नहीं सकती। उसे किसी न किसी की मदद लेनी ही पड़ती है। उसको प्लास्टिक टब में डाल कर इधर उधर लिया जाता है।
रहमा हरुना के भाई फहाद का कहना है कि जब मैं किसी को उसकी मदद करते हुए देखता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है। वहीं रहमा हरुना के पिता ने बताया कि मैं 15 सालों से कई डॉक्टरों के पास इसके इलाज के लिए गया हूं। मैं किसान हूं जो कुछ भी कमाता हूं रहमा हरुना के इलाज के बिल भरने में लग जाता है। भगवान ही जानता है कि उसके इलाज में अब तक कितना पैसा लग गया है।
रहमा के माता-पिता ने कई डॉक्टरों के उसका इलाज करवाने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। डॉक्टर खुद रहमा की बीमारी देखकर हैरान रह गए। वहीं रहमा हरुना इस हालत में रहकर भी भगवान को थैंक यू करती है। उसका कहना है कि मैं भगवान की शुक्रिया कहती हूं कि आज मैं जो भी बोलती हूं जो भी मैं कर पाती हूं उन्ही की वजह से ही कर पाती हूं।