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पंडित जवाहरलाल नेहरु आज़ादी के लिये लड़ने वाले और संघर्ष करने वाले मुख्य महापुरुषों में से एक थे। वह आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। बाद में उनकी महानता को उनकी बेटी इंदिरा गांधी और पोते राजीव गांधी ने आगे बढाया। नेहरु राजनेता होने के साथ साथ चिंतक और लेखक भी थे। भारत एक खोज (Discovery of India) उनकी एक ऐसी कृति है जिसे कालजयी साहित्यिक रचना कहा जा सकता है।
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नेहरु का जन्म 14 नवंबर 1889 में इलाहबाद के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु और मां का नाम स्वरूपरानी था। उन्होंने 1910 में ट्रिनिटी विश्वविद्यालय, कैंब्रिज से स्नातक की पढ़ाई की। भारत वापिस आने के बाद उन्हें इलाहबाद उच्च न्यायालय में शामिल किया गया। लेकिन उन्हें भारतीय राजनीती में ज्यादा रुचि थी और 1910 के स्वतंत्रता अभियान में वे भारतीय राजनीति में कम उम्र में ही शामिल हो गये।
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नेहरु ने 1916 में कमला से विवाह किया जिससे उन्हें एक संतान हुई जिसे हम इंदिरा के नाम से जानते हैं।
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जवाहरलाल नेहरु भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीती के मुख्य केंद्र बिंदु थे। वे महात्मा गाँधी के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे।
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उन्हें आधुनिक भारत का रचयिता माना जाता था। पंडित संप्रदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरु भी कहा जाता था जबकि बच्चो से उनके लगाव के कारण बच्चे उन्हें “चाचा नेहरु” के नाम से बुलाते थे।
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नेहरु और कांग्रेस ने देश को अंग्रेज़ों से आज़ाद करवाने के लिए 1930 में भारतीय स्वतंत्रता अभियान का मोर्चा संभाला। उनके स्वतंत्रता के अभियान को तब सफलता मिली जब 1942 के ब्रिटिश भारत छोडो अभियान में ब्रिटिश बुरी तरह से पीछे रह गये और उस समय कांग्रेस को देश की सबसे सफल और महान राजनितिक संस्था माना गया था।
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1941 में जब गांधीजी ने नेहरु को एक बुद्धिमान और सफल नेता का दर्जा दिया था उसी को देखते हुए आज़ादी के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें ही स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना। प्रधानमंत्री बनने के बाद ही, उन्होंने नविन भारत के अपने स्वप्न को साकार करने के प्रयास किये।
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1950 में जब भारतीय कानून के नियम बनाये गये, तब उन्होंने भारत का आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक विकास शुरू किया। विशेषतः उन्होंने भारत को एकतंत्र से लोकतंत्र में बदलने की कोशिश की, जिसमे बहोत सारी पार्टिया हो जो समाज का विकास करने का काम करे। तभी भारत एक लोकशाही राष्ट्र बन पायेगा। और विदेश निति में जब वे दक्षिण एशिया में भारत का नेतृत्व कर रहे थे तब भारत के विश्व विकास में अभिनव को दर्शाया।
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नेहरु को वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ एक समझौते तक पहुँचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते के पत्थर साबित हुए। नेहरू ने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढाया, लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। नेहरू के लिए यह एक बड़ा झटका था और शायद उनकी मौत भी इसी कारण हुई। 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पडा जिसमें उनका निधन हो गया।