Milad-un-Nabi मिलाद उन नबी को बारावफात Barawafat या मव्लिद Mawlid भी कहा जाता है। यह त्यौहार इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर मुहम्मद Prophet Muhammad के जन्म दिन की ख़ुशी में मनाते हैं।
इस्लामिक कैलंडर के अनुसार पैगंबर मुहम्मद का जन्म दिन रबी’अल-अव्वल, तीसरे महीने में मनाया जाता है। मिलाद-उन-नबी का उत्सव 11वें सदी में फातिमी राजवंश या शाही घराने के समय से मनाया जा रहा है।
कहा जाता है पवित्र कुरान(Holy Kuran) के विषय में पैगंबर मुहम्मद से पता चला था और उसी दिन को पवित्र पैगंबर का जन्म दिवस मनाया जाता है।
भारत में और कुछ उपमहादेशों में Milad-un-Nabi बहुत ही लोकप्रियता से Barawafat नाम से मनाया जाता है। बारावफात Barawafat का मतलब होता है वह बारह दिन जिसमें पैगंबर का तबियर ख़राब रहा और उनकी मृत्यु हुई थी। इसीलिए यह दिन मिलाद-उन-नबी मानाने वाले लोगों के लिए शोक और ख़ुशी दोनों प्रकार का दिन होता है।
शिया मुस्लिम समुदाय ईद त्यौहार को याद इसलिए करते हैं क्योंकि वे मानते हैं इसी दिन गाधिर-ए-खुम Gadhir-e-Khumm में पैगंबर मुहम्मद Prophet Muhammad ने हज़रत अली Hazrat Ali को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था।