सभी प्रमुख नदियां नर्मदा, बेतवा, केन, टमस, टॉस, चंबल, पार्वती आदि खतरे के निशान के आसपास बह रही है, जिसके चलते नदियों के तट पर बसे गांव और नगरी में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
मध्य प्रदेश में बारिश का कहर जारी है, बीते 80 दिनों में 102 लोगों की मौत का कारण बारिश बनी है और सात लोग अब भी लापता हैं।
आधिकारिक तौर पर रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में एक जून से 21 अगस्त की अवधि में 51 में से 31 जिलों में सामान्य से अधिक, 18 में सामान्य और दो में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।
इसने जनजीवन की रफ्तार को थाम दिया है और बारिश पूर्व की जाने वाली तैयारियों की भी कलई खोल दी है।
गांवों से लेकर शहर की गलियां तक जलमग्न हो गई हैं।
राज्य में मानसून पूरी तरह सक्रिय है और उसने आधे से ज्यादा हिस्से को पूरी तरह तरबतर कर दिया है।