Saturday, November 23, 2024
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नवरात्र: ये हैं भारत में स्थित मां दुर्गा के अनोखे मंदिर

India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 04, 2016 15:35 IST
  • भारत में मां दुर्गा के सैकड़ो मंदिर है। जहां पर वह किसी न किसी रुप में विराजित है। जहां पर विराजमान होकर वह किसी न किसी तरह अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती रहती है। आमतौर में भारत में मां दुर्गा के लाखों मंदिर स्थित है, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर है जो अपने चमत्कारों के कारण प्रसिद्ध है। हमको आपको अपन खबर में कुछ ऐसें ही मंदिरों के बारें में बता रहें हैं। जो कि अपनी खासियतो के कारण विश्व प्रसिद्ध है।
    भारत में मां दुर्गा के सैकड़ो मंदिर है। जहां पर वह किसी न किसी रुप में विराजित है। जहां पर विराजमान होकर वह किसी न किसी तरह अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती रहती है। आमतौर में भारत में मां दुर्गा के लाखों मंदिर स्थित है, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर है जो अपने चमत्कारों के कारण प्रसिद्ध है। हमको आपको अपन खबर में कुछ ऐसें ही मंदिरों के बारें में बता रहें हैं। जो कि अपनी खासियतो के कारण विश्व प्रसिद्ध है।
  • कामाख्या मंदिरः मां के 51 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर असम में गुवाहाटी की नीलांचल पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। माना जाता है हर साल में रजस्वला भी होती है।
    कामाख्या मंदिरः मां के 51 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर असम में गुवाहाटी की नीलांचल पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। माना जाता है हर साल में रजस्वला भी होती है।
  • अम्बाजी मंदिरः अम्बाजी का यह मंदिर गुजरात में माउंट आबू से 45 किमी और पालनपुर से लगभग 65 किमी दूरी पर है। 51 शक्तिपीठ में से एक यह मंदिर अम्बा मां के नाम से जाना जाता है।
    अम्बाजी मंदिरः अम्बाजी का यह मंदिर गुजरात में माउंट आबू से 45 किमी और पालनपुर से लगभग 65 किमी दूरी पर है। 51 शक्तिपीठ में से एक यह मंदिर अम्बा मां के नाम से जाना जाता है।
  • नैना देवी मंदिरः नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर मां के 51 शक्तिपीठ में से एक है। माना जाता है कि यहां पर मां सती की आंखे गिरी थी।
    नैना देवी मंदिरः नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर मां के 51 शक्तिपीठ में से एक है। माना जाता है कि यहां पर मां सती की आंखे गिरी थी।
  • करणी माता मंदिरः करणी माता मंदिर को मूषक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान के देशनोक में स्थित है। यहां अनगिनत चूहे रहते हैं, लेकिन वह किसी को कोई नुकसान नहीं पंहुचाते है। यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए हर वर्ष आते हैं।
    करणी माता मंदिरः करणी माता मंदिर को मूषक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान के देशनोक में स्थित है। यहां अनगिनत चूहे रहते हैं, लेकिन वह किसी को कोई नुकसान नहीं पंहुचाते है। यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए हर वर्ष आते हैं।
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दक्षिणेश्वर काली मंदिरः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास हुगली नदी के किनारे बना दक्षिणेश्वर काली मंदिर देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां नवरात्रि के समय लाखों भक्तों का तांता लगा रहता है। हर सभी की हर मनोकामना पूर्ण करती है।
    दक्षिणेश्वर काली मंदिरः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास हुगली नदी के किनारे बना दक्षिणेश्वर काली मंदिर देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां नवरात्रि के समय लाखों भक्तों का तांता लगा रहता है। हर सभी की हर मनोकामना पूर्ण करती है।
  • महालक्ष्मी मंदिरः महालक्ष्मी मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर में है। यहां मां महालक्ष्मी की मूर्ति काले पत्थर की है, जिसकी ऊंचाई 3 फीट और वजन 40 किलोग्राम है। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मां की मूर्ति पर सूर्य की किरणें आती है।
    महालक्ष्मी मंदिरः महालक्ष्मी मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर में है। यहां मां महालक्ष्मी की मूर्ति काले पत्थर की है, जिसकी ऊंचाई 3 फीट और वजन 40 किलोग्राम है। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मां की मूर्ति पर सूर्य की किरणें आती है।