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किन्नर अथवा हिजड़े ना तो मर्द होते है और ना ही नारी। ये एक ऐसा समुदाय है जिसका ज़िक्र ग्रंथो में पाया जाता है। वो हमारी हर ख़ुशी में शामिल होते हैं और माना जाता है कि इनकी दुआओं में बहुत असर होता है और इनकी बद्दुआएं नहीं लेनी चाहिए। दरअसल किन्नरों की एक अलग ही दुनिया है जिसके बारे में ज़्यादा बातें बाहर नहीं आती हैं। उनका रहन-सहन सामान्य मनुष्यों से बिलकुल अलग है। ज़ाहिर है ऐसे में उनके बारे में जानने की जिज्ञासा हर किसी को होती है। यहां हम आपको बता रहे हैं किन्नरों से जुड़ी 10 ऐसी रोचक बातें जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे।
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ज्योतिष के अनुसार वीर्य की अधिकता से पुरुष (पुत्र) उत्पन होता है। रक्त (रज) की अधिकता से स्त्री (कन्या) उत्पन होती है। वीर्य और रज समान हों तो किन्नर संतान उत्पन होती है।
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समाज को किसी किन्नर की मौत की खबर तक नहीं होती।
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किसी किन्नर की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार बहुत ही गुप्त तरीके से किया जाता है।
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नए किन्नर को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोज होता है।
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किसी नए वयक्ति को किन्नर समाज में शामिल करने से पहले बहुत से रीती-रिवाज़ का पालन किया जाता है।
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किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते हैं । हालांकि यह विवाह मात्र एक दिन के लिए होता है।
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पुरानी मान्यताओं के अनुसार शिखंडी को किन्नर माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि शिखंडी की वजह से ही अर्जुन ने भीष्म को युद्ध में हरा दिया था।
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महाभारत में जब पांडव एक वर्ष का अज्ञात वास जंगल में काट रहे थे, तब अर्जुन एक वर्ष तक किन्नर वृहन्नला बनकर रहे थे।
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एक मान्यता के अनुसार किन्नरों की उत्पत्ति ब्रह्माजी की छाया से हुई है।
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दूसरी ओर कई लोग यह भी मानते है कि अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उतपत्ति हुई है।
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ऐसा माना जाता है की कुंडली में बुध, शनि, शुक्र और केतु के अशुभ योगों के कारण व्यक्ति किन्नर या नपुंसक पैदा हो सकता है।