Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गैलरी
  3. लाइफस्टाइल
  4. International Men's Day: स्टीरियोटाइप की बातों के जाल में फंसते जाते हैं पुरुष, जानें किन बातों को मानने से कतराते हैं?

International Men's Day: स्टीरियोटाइप की बातों के जाल में फंसते जाते हैं पुरुष, जानें किन बातों को मानने से कतराते हैं?

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam Updated on: November 26, 2024 17:14 IST
  • हर साल दुनिया भर में 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत पुरुषों द्वारा समाज, समुदाय, परिवार, और चाइल्ड केयर में उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से किया गया है। पुरुष प्रधान समाज में रहते हुए आज भी लोगों ने पुरुषों को लेकर कुछ ऐसे पूर्वाग्रह पाल रखे हैं जिनका टूटना बेहद ज़रूरी है। आज पुरुष दिवस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे स्टीरियोटाइप के बारे में बताएंगे जिसका जाने अनजाने पुरुष भी शिकार हैं और उन्हें इस बात की भनक भी नहीं है।
    Image Source : social
    हर साल दुनिया भर में 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत पुरुषों द्वारा समाज, समुदाय, परिवार, और चाइल्ड केयर में उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से किया गया है। पुरुष प्रधान समाज में रहते हुए आज भी लोगों ने पुरुषों को लेकर कुछ ऐसे पूर्वाग्रह पाल रखे हैं जिनका टूटना बेहद ज़रूरी है। आज पुरुष दिवस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे स्टीरियोटाइप के बारे में बताएंगे जिसका जाने अनजाने पुरुष भी शिकार हैं और उन्हें इस बात की भनक भी नहीं है।
  • 'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसा फ़िल्मी डायलॉग आज हर आम भारतीय पुरुष की रगों में समाया हुआ है। पुरुषों के अंदर छिपे इस मेल ईगो ने उनके सॉफ्ट जॉनर को तबाह कर दिया है। क्यों मर्द को दर्द नहीं हो सकता, क्यों वो अपना दर्द किसी को दिखा नहीं सकता। दर्द आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाता है। यह छिपाने से बढ़ता है लेकिन बाटने से कम हो जाता है इसलिए पुरुषों को हर दुख-दर्द और तकलीफ अपनों से साझा करना चाहिए
    Image Source : social
    'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसा फ़िल्मी डायलॉग आज हर आम भारतीय पुरुष की रगों में समाया हुआ है। पुरुषों के अंदर छिपे इस मेल ईगो ने उनके सॉफ्ट जॉनर को तबाह कर दिया है। क्यों मर्द को दर्द नहीं हो सकता, क्यों वो अपना दर्द किसी को दिखा नहीं सकता। दर्द आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाता है। यह छिपाने से बढ़ता है लेकिन बाटने से कम हो जाता है इसलिए पुरुषों को हर दुख-दर्द और तकलीफ अपनों से साझा करना चाहिए
  • मर्दों को लेकर सदियों से एक स्टीरियोटाइप चला आ रहा है कि आप किसी के सामने रो नहीं सकते। घर परिवार में भी यही सिखाया जाता है। भले ही आपके अंदर कितना ही गुबार क्यों ना भरा हो, भले ही आप किसी को गले लगाकर जी भर के रोना चाहते हैं। रोने पर पुरुषों को कहा जाता है 'क्यों लड़की की तरह रो रहे हो'। याद रखें लड़की होना कमजोर होने की निशानी नहीं है। इसलिए बिना किसी की परवाह किए जब भी आपको अंदर से रुलाई आए, किसी बात पर मन उदास हो कोई दिल दुखाए तो आप रोएं।
    Image Source : social
    मर्दों को लेकर सदियों से एक स्टीरियोटाइप चला आ रहा है कि आप किसी के सामने रो नहीं सकते। घर परिवार में भी यही सिखाया जाता है। भले ही आपके अंदर कितना ही गुबार क्यों ना भरा हो, भले ही आप किसी को गले लगाकर जी भर के रोना चाहते हैं। रोने पर पुरुषों को कहा जाता है 'क्यों लड़की की तरह रो रहे हो'। याद रखें लड़की होना कमजोर होने की निशानी नहीं है। इसलिए बिना किसी की परवाह किए जब भी आपको अंदर से रुलाई आए, किसी बात पर मन उदास हो कोई दिल दुखाए तो आप रोएं।
  • भारतीय संस्कृति में सदियों से ऐसा माना जाता है कि घर का खर्चा लड़का उठाएगा, पत्नी बच्चों सहित माँ-बाप की ज़िम्मेदारी भी सिर्फ लड़कों के कंधे पर आती है। इसी दबाव में कई बार लड़के टूटकर बिखर जाते हैं लेकिन कोई उन्हें समझ नहीं पाता है। घर परिवार देखने के चक्कर में वे अपने सपने, अपनी इच्छाएं भी दबा लेते हैं। अगर आप आज भी इसी सोच के साथ जी रहे हैं तो अब आपको अपने आप में बदलाव लाने की ज़रूरत है।
    Image Source : social
    भारतीय संस्कृति में सदियों से ऐसा माना जाता है कि घर का खर्चा लड़का उठाएगा, पत्नी बच्चों सहित माँ-बाप की ज़िम्मेदारी भी सिर्फ लड़कों के कंधे पर आती है। इसी दबाव में कई बार लड़के टूटकर बिखर जाते हैं लेकिन कोई उन्हें समझ नहीं पाता है। घर परिवार देखने के चक्कर में वे अपने सपने, अपनी इच्छाएं भी दबा लेते हैं। अगर आप आज भी इसी सोच के साथ जी रहे हैं तो अब आपको अपने आप में बदलाव लाने की ज़रूरत है।
  • ज़्यादातर लोग ऐसा मानते हैं कि लड़के निडर होते हैं वे लड़कियों की तरह डरते नहीं है। तो हम आपको बता दें डरना बेहद नॉर्मल है। अगर आप लड़की के साथ हैं और किसी चीज़ से डर लग रहा है तो उसे बताने से झिझके नहीं। आप सिर्फ मर्द हैं तो इस वजह से आपको डर नहीं लगता या कोई लड़की यह सुनकर आप पर हसंगी ये सोच बहुत ही बचकानी है।
    Image Source : social
    ज़्यादातर लोग ऐसा मानते हैं कि लड़के निडर होते हैं वे लड़कियों की तरह डरते नहीं है। तो हम आपको बता दें डरना बेहद नॉर्मल है। अगर आप लड़की के साथ हैं और किसी चीज़ से डर लग रहा है तो उसे बताने से झिझके नहीं। आप सिर्फ मर्द हैं तो इस वजह से आपको डर नहीं लगता या कोई लड़की यह सुनकर आप पर हसंगी ये सोच बहुत ही बचकानी है।
  • पतले-दुबले लड़के को लोग सलाह देने लगते हैं कि जिम जाओ, बॉडी बनाओ क्योंकि जब तक आप माचो मैन यानि मर्दाना नहीं लगेंगे, तब तक आप सही मायनों में मर्द नहीं हैं। जरूरी नहीं है कि हर लड़का बॉडी बनाना चाहता हो! जरूरी नहीं है कि हर लड़का माचो मैन टाइप दिखना चाहता हो
    Image Source : social
    पतले-दुबले लड़के को लोग सलाह देने लगते हैं कि जिम जाओ, बॉडी बनाओ क्योंकि जब तक आप माचो मैन यानि मर्दाना नहीं लगेंगे, तब तक आप सही मायनों में मर्द नहीं हैं। जरूरी नहीं है कि हर लड़का बॉडी बनाना चाहता हो! जरूरी नहीं है कि हर लड़का माचो मैन टाइप दिखना चाहता हो
  •  लड़के घर का काम नहीं करते हैं, खाना नहीं बनाते भारतीय समाज में यह धारणा बेहद आम है। बता दें, यह सोच ही गलत है। इसलिए बचपन से ही सिर्फ लड़कियों को ही नहीं लड़कों को भी घर का काम सिखाएं।
    Image Source : social
    लड़के घर का काम नहीं करते हैं, खाना नहीं बनाते भारतीय समाज में यह धारणा बेहद आम है। बता दें, यह सोच ही गलत है। इसलिए बचपन से ही सिर्फ लड़कियों को ही नहीं लड़कों को भी घर का काम सिखाएं।