12 नवंबर देवउठनी एकादशी के दिन देशभर में बड़ी संख्या में शादियां होती है। देवउठनी एकादशी को असूझ शादियों के लिए भी शुभ दिन माना जाता है। यानि जिसकी शादी की तारीख नहीं निकल रही हो वो भी इस दिन विवाह कर सकते हैं। अकेले दिल्ली एनसीआर में ही इस दिन 50 हजार शादियां हैं।
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शादी के बिजनेस से जुड़े लोग जैसे बैंड वाले और दूसरे इंतजाम करने वाले लोगों का कहना है कि सिर्फ दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव में 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन करीब 48 से 50 हजार शादियां होने वाली है। इसी दिन के साथ शादियों के शुभ दिन शुरू हो जाते हैं।
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबित रोहिणी में हरिओम बैंड के मालिक पीयूष शर्मा का कहना है कि जिन विक्रेताओं के साथ हम काम करते हैं, वे हमें इस तिथि के लिए प्राप्त हुई बुकिंग की बड़ी संख्या के बारे में बता रहे हैं। वहीं चावला बैंड के मालिक वीरेंद्र चावला ने भी इस तारीख को भारी बुकिंग की बात कही है।
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हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन देव उठते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। देवउठनी एकादशी का दिन पहला शुभ दिन है। 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी है, जो बहुत ही लकी दिन माना जाता है।
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ये दिन अबूझ है, यानि इस दिन कोई भी काम करने के लिए किसी मुहूर्त या पंडित से पूछने की जरूरत नहीं होती है। इस दिन कोई भी व्यक्ति किसी भी समय विवाह शादी कर सकता है। यह दिन शुभ है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद जागते हैं।