Thursday, December 26, 2024
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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां के ये पारंपारिक व्यंजन ज़रूर करें ट्राई

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam Updated on: December 26, 2024 15:04 IST
  • महाकुंभ का मेला विश्वभर में अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। साल 2025 में एक बार फिर से यह मेला लगने वाला है। इस मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होगी जो 26 फरवरी तक चलेगी। ज़ाहिर सी बात है हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेला में लाखों की संख्या में लोग आयेंगे। ऐसे में यहां खान पान को भी लेकर बेहतरीन व्यवस्था की गई है। दरअसल, यहां का खान-पान भी एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। तो चलिए जानते हैं साल 2025 में होने वाले इस भव्य मेले में आप कितने तरह के व्यंजन का लुत्फ उठा सकते हैं?
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    महाकुंभ का मेला विश्वभर में अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। साल 2025 में एक बार फिर से यह मेला लगने वाला है। इस मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होगी जो 26 फरवरी तक चलेगी। ज़ाहिर सी बात है हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेला में लाखों की संख्या में लोग आयेंगे। ऐसे में यहां खान पान को भी लेकर बेहतरीन व्यवस्था की गई है। दरअसल, यहां का खान-पान भी एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। तो चलिए जानते हैं साल 2025 में होने वाले इस भव्य मेले में आप कितने तरह के व्यंजन का लुत्फ उठा सकते हैं?
  • लंगर का खाना: महाकुंभ का स्वादिष्ट व्यंजन भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करता है। यहां का दाल-चावल, रोटी-सब्जी, छोले, राजमा, हलवा, खीर, और पूड़ी-सब्जी जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन श्रद्धालुओं को मिलते हैं।
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    लंगर का खाना: महाकुंभ का स्वादिष्ट व्यंजन भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करता है। यहां का दाल-चावल, रोटी-सब्जी, छोले, राजमा, हलवा, खीर, और पूड़ी-सब्जी जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन श्रद्धालुओं को मिलते हैं।
  • अवधी थाली: प्रयागराज के महाकुंभ में अवधी थाली का स्वाद लेना एक विशेष अनुभव होता है। इसमें पारंपरिक अवधी व्यंजन जैसे बिरयानी, कबाब, तंदूरी रोटी आदि शामिल होते हैं।
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    अवधी थाली: प्रयागराज के महाकुंभ में अवधी थाली का स्वाद लेना एक विशेष अनुभव होता है। इसमें पारंपरिक अवधी व्यंजन जैसे बिरयानी, कबाब, तंदूरी रोटी आदि शामिल होते हैं।
  • तंदूरी चाय: महाकुंभ के विभिन्न फूड स्टॉल पर तंदूरी चाय का मजा लिया जा सकता है, जो खास तौर पर चाय प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है। इसमें चाय को तंदूर में पकाया जाता है, जिससे उसका स्वाद और सुगंध बेहद खास बन जाती है।
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    तंदूरी चाय: महाकुंभ के विभिन्न फूड स्टॉल पर तंदूरी चाय का मजा लिया जा सकता है, जो खास तौर पर चाय प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है। इसमें चाय को तंदूर में पकाया जाता है, जिससे उसका स्वाद और सुगंध बेहद खास बन जाती है।
  • लस्सी: यह ताजगी से भरपूर, मलाईदार दही आधारित पेय है, जो कुंभ मेले के गर्मी में बहुत ही राहत प्रदान करता है। लस्सी को मीठे या नमकीन दोनों रूपों में परोसा जा सकता है।
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    लस्सी: यह ताजगी से भरपूर, मलाईदार दही आधारित पेय है, जो कुंभ मेले के गर्मी में बहुत ही राहत प्रदान करता है। लस्सी को मीठे या नमकीन दोनों रूपों में परोसा जा सकता है।
  • कंदमूल: महाकुंभ में कंदमूल से बने अनोखे व्यंजन भी उपलब्ध होते हैं। कंदमूल एक भूरे रंग का फल होता है, जो नारियल के जूस जैसा होता है। यह स्वाद और पोषण दोनों का आदान-प्रदान करता है।
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    कंदमूल: महाकुंभ में कंदमूल से बने अनोखे व्यंजन भी उपलब्ध होते हैं। कंदमूल एक भूरे रंग का फल होता है, जो नारियल के जूस जैसा होता है। यह स्वाद और पोषण दोनों का आदान-प्रदान करता है।
  • लिट्टी चोखा: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लिट्टी चोखा भी महाकुंभ में उपलब्ध होता है, जो इसके अलग स्वाद और पारंपरिक महत्व को दर्शाता है महाकुंभ का यह खान-पान न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक ऊर्जा का स्रोत बनता है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का भी शानदार मिश्रण प्रस्तुत करता है।
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    लिट्टी चोखा: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लिट्टी चोखा भी महाकुंभ में उपलब्ध होता है, जो इसके अलग स्वाद और पारंपरिक महत्व को दर्शाता है महाकुंभ का यह खान-पान न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक ऊर्जा का स्रोत बनता है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का भी शानदार मिश्रण प्रस्तुत करता है।