Monday, December 23, 2024
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आप भी लेते हैं बहुत ज़्यादा स्ट्रेस तो संभल जाएं, वरना शरीर को घेर लेंगी ये गंभीर समस्याएं

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam Published on: November 17, 2024 13:10 IST
  • आजकल की भागती दौड़ती ज़िंदगी में लोग हर छोटी छोटी बात का स्ट्रेस लेते हैं। पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने से लेकर प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर करने के बीच में लोग यह भूल जाते हैं कि इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है। ज़्यादा तनाव सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। ज़्यादा टेंशन लेने से आप न केवल दिमागी रूप से परेशान होते हैं बल्कि कई समस्याओं की चपेट में आते हैं जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियां का रूप लेती हैं। चलिए हम आपको बताते हैं ज़्याद सोचने या तनाव लेने से आप किन परेशानियों की चपेट में आ सकते हैं?
    Image Source : social
    आजकल की भागती दौड़ती ज़िंदगी में लोग हर छोटी छोटी बात का स्ट्रेस लेते हैं। पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने से लेकर प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर करने के बीच में लोग यह भूल जाते हैं कि इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है। ज़्यादा तनाव सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। ज़्यादा टेंशन लेने से आप न केवल दिमागी रूप से परेशान होते हैं बल्कि कई समस्याओं की चपेट में आते हैं जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियां का रूप लेती हैं। चलिए हम आपको बताते हैं ज़्याद सोचने या तनाव लेने से आप किन परेशानियों की चपेट में आ सकते हैं?
  • ज़्यादा तनाव लेने से सबसे ज़्याद बुरा असर हमारे नर्वस सिस्टम यानी दिमाग पर पड़ता है। तनाव मस्तिष्क की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों, जैसे कि मनोभ्रंश और अल्जाइमर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। तनाव सूजन का कारण बन सकता है, और सूजन मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है इस वजह से दिमाग कमजोर होने लगता है जिससे लोगों की याददाश्त कमजोर होने लगती है।
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    ज़्यादा तनाव लेने से सबसे ज़्याद बुरा असर हमारे नर्वस सिस्टम यानी दिमाग पर पड़ता है। तनाव मस्तिष्क की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों, जैसे कि मनोभ्रंश और अल्जाइमर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। तनाव सूजन का कारण बन सकता है, और सूजन मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है इस वजह से दिमाग कमजोर होने लगता है जिससे लोगों की याददाश्त कमजोर होने लगती है।
  • ज़्यादा तनाव लेने का सबसे बुरा असर हमारे दिमाग के साथ दिल पर भी पड़ता है। इस वजह से अचानक से दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। बिना किसी कारण के सीने में जकड़न महसूस होती है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जो आपकी सेहत के लिए सही नहीं है।
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    ज़्यादा तनाव लेने का सबसे बुरा असर हमारे दिमाग के साथ दिल पर भी पड़ता है। इस वजह से अचानक से दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। बिना किसी कारण के सीने में जकड़न महसूस होती है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जो आपकी सेहत के लिए सही नहीं है।
  • ओवर थिंक करने से कोई हल नहीं मिलता है बल्कि आपकी ओवरऑल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस वजह से लोग अचानक से कमजोरी महसूस करने लगते हैं और हर समय थके रहते हैं। कई बार हाथ और पैर भी भारी लगते हैं। हड्डियों में इतनी थकान होती है कि चलना भी मैराथन दौड़ने जैसा लगता है
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    ओवर थिंक करने से कोई हल नहीं मिलता है बल्कि आपकी ओवरऑल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस वजह से लोग अचानक से कमजोरी महसूस करने लगते हैं और हर समय थके रहते हैं। कई बार हाथ और पैर भी भारी लगते हैं। हड्डियों में इतनी थकान होती है कि चलना भी मैराथन दौड़ने जैसा लगता है
  • ज़्यादा स्ट्रेस की वजह से नींद की क़्वालिटी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद की कमी हमारे शरीर की तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय करती है, जिससे तनाव हार्मोन, जैसे कोर्टिसोल में वृद्धि होती है जो नींद को बाधित करती है
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    ज़्यादा स्ट्रेस की वजह से नींद की क़्वालिटी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद की कमी हमारे शरीर की तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय करती है, जिससे तनाव हार्मोन, जैसे कोर्टिसोल में वृद्धि होती है जो नींद को बाधित करती है
  • ज़्यादा तनाव लेने की वजह से आप माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं। जब आप तनाव में होते हैं तो सिरदर्द की संभावना कई गुना बढ़ जाती है जो आगे चलकर माइग्रेन का रूप ले सकती हैं। तनाव सिरदर्द को ट्रिगर कर उन्हें बदतर बना सकता है।
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    ज़्यादा तनाव लेने की वजह से आप माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं। जब आप तनाव में होते हैं तो सिरदर्द की संभावना कई गुना बढ़ जाती है जो आगे चलकर माइग्रेन का रूप ले सकती हैं। तनाव सिरदर्द को ट्रिगर कर उन्हें बदतर बना सकता है।