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वेनेज़ुएला में लोगों के मज़े, हफ़्ते में दो दिन काम और पूरी पगार

India TV News Desk
Published : April 29, 2016 15:11 IST
  • वेनेज़ुएला में इन दिनों कर्मचारियों की मौज हो ही हैं। उन्हें हफ़्ते में सिर्फ दो दिन दफ़्तर जाना पड़ता है लेकिन वेतन पूरे महीने का मिलता है।
    वेनेज़ुएला में इन दिनों कर्मचारियों की मौज हो ही हैं। उन्हें हफ़्ते में सिर्फ दो दिन दफ़्तर जाना पड़ता है लेकिन वेतन पूरे महीने का मिलता है।
  • राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने देश के बीस लाख 80 हज़ार कर्मचारियों में से ज़्यादातर को पहले ही शुक्रवार की छुट्टी दे दी है। उन्होंने सोमवार को चार घंटे की बिजली कटौती की घोषणा की है।
    राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने देश के बीस लाख 80 हज़ार कर्मचारियों में से ज़्यादातर को पहले ही शुक्रवार की छुट्टी दे दी है। उन्होंने सोमवार को चार घंटे की बिजली कटौती की घोषणा की है।
  • राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने देश के बीस लाख 80 हज़ार कर्मचारियों में से ज़्यादातर को पहले ही शुक्रवार की छुट्टी दे दी है। उन्होंने सोमवार को चार घंटे की बिजली कटौती की घोषणा की है।
    राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने देश के बीस लाख 80 हज़ार कर्मचारियों में से ज़्यादातर को पहले ही शुक्रवार की छुट्टी दे दी है। उन्होंने सोमवार को चार घंटे की बिजली कटौती की घोषणा की है।
  • मादुरो ने घोषणा की है,
    मादुरो ने घोषणा की है, "कल से कम से कम दो हफ़्ते के लिए पब्लिक सैक्टर के दफ्तरों में हम बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को छुट्टी रखेंगे।"
  • उन्होंने बताया कि सूखे की वजह से देश के सबसे बड़े बांध का जलस्तर न्यूनतम पर पहुंच गया है।
    उन्होंने बताया कि सूखे की वजह से देश के सबसे बड़े बांध का जलस्तर न्यूनतम पर पहुंच गया है।
  • लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सही योजना और रखरखाव की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है।
    लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सही योजना और रखरखाव की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है।
  • आलोचकों का कहना है कि पांच दिन ऑफिस बंद रखने से कुच नहीं होगा क्योंकि इससे न सिर्फ राष्ट्रीय उत्पादकता में कमी आएगी बल्कि लोग गर में रहकर बिजली से चलने वाली चीज़ों को चलाएंगे।
    आलोचकों का कहना है कि पांच दिन ऑफिस बंद रखने से कुच नहीं होगा क्योंकि इससे न सिर्फ राष्ट्रीय उत्पादकता में कमी आएगी बल्कि लोग गर में रहकर बिजली से चलने वाली चीज़ों को चलाएंगे।
  • पानी और बिजली की कमी के अलावा देश की तीस करौड़ जनता आर्थिक मंदी और दूध तथा दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी और मंहगाई की मार झेल रही है।
    पानी और बिजली की कमी के अलावा देश की तीस करौड़ जनता आर्थिक मंदी और दूध तथा दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी और मंहगाई की मार झेल रही है।