मुसलमानों के लिए मक्का मदीना जन्नत का दरवाज़ा माना जाता है और हर मुसलमान की ज़िंदगी में कम से कम एक बार मक्का जाने की हसरत रहती है। मुसलमान जो पांच बातें अनिवार्य हैं उसमें हज भी शामिल है जिसके लिए मक्का मदीना जाना होता है।
हर साल लाखों की संख्या में मुसलमान मक्का मदीना हज या उमरा करने आते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं कि मक्का-मदीना के अंदर क्या है।
मक्का की बुनियाद आज से लगभग 1400 साल पहले पैग़ंबर मोहम्मद ने रखी थी। बाहर से देखने में ये चौकोर भवन की तरह लगता है और उस पर काला लिहाफ़ चढ़ा रहता है।
मक्का के चारों तरफ़ मस्जिदें बनी हुई हैं जहां हज या उमरा के लिए आने वाले मुसलमान नमाज़ पढ़ते हैं।
मक्का में पैग़ंबर मोहम्मद के पद-चिन्ह भी हैं। ज़ायरीन (दर्शनार्थी) इसके दर्शन करते हैं।
मक्का में एक काले रंग का पत्थर भी है जिसे चूमकर मुसलमान मन्नत मांगते हैं।
मक्का में एक कुआं है जिसका पानी कभी नहीं सूखता। ज़ायरीन इसका पानी घर भी लाकर रखते हैं।
आज से करीब 70 साल पहले मक्का पर काला लिहाफ नहीं होता था बल्कि एक खुला स्थान था जहां लोग नमाज़ पढ़ते थे।