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हाल ही में उत्तर प्रदेश स्थित भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसे लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ।
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राज्यसभा में मायावती ने कहा कि, "ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ लगाम लगाई जानी चाहिए। मैंने आज तक अपने भाषण में किसी को अपशब्द नहीं कहे हैं। उन्होंने मुझे नहीं, अपनी बहन और बेटी के बारे में बोला है। देश तथा दलित वर्ग के लोग उन्हे माफ नहीं करेंगे"।
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इन सब के चलते बीजेपी ने पहले दयाशंकर को पार्टी वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट से हटा दिया और फिर पार्टी से 6 साल के लिए दयाशंकर को बाहर कर दिया, दुसरी तरफ BSP ने लखनऊ में उनके खिलाफ FIR दर्ज भी कराई।
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दयाशंकर सिंह ने बीते मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहा कि, "मायावती जी टिकटों की बिक्री कर रही हैं। मायावती जी किसी को एक करोड़ रुपए में टिकट देती हैं लेकिन एक घंटे बाद कोई दो करोड़ रुपए देने वाला मिलता है, तो वो उसको टिकट दे देती हैं। शाम को कोई तीन करोड़ देने वाला मिलता है तो वो टिकट काट कर उसे दे देती है"।
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मायावती ने कहा, "मैं नहीं जानती, मेरे खिलाफ किस भाषा का इस्तेमाल किया गया है। मुझे नहीं बताया गया। लेकिन कुछ खराब ही होगा, इसलिए मेरे सहयोगी नेता मुझे कुछ बता नहीं रहे हैं।''
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मायावती का कहना हैं कि मैनें कभी कैरेक्टर पर किसी को कुछ नहीं बोला। ना ही मैनें आज तक अपने भाषण में छोटे-बड़े किसी भी नेता को अपशब्द बोला।
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मायावती ने दयाशंकर सिंह को लेकर कहा कि, "बीजेपी उस नेता के खिलाफ एक्शन ले, नहीं तो जो होगा, उसकी जिम्मेदार मैं नहीं।"
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दयाशंकर के मायावती के खिलाफ अपशब्द इस्तेमाल करने के बाद बीएसपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी दयाशंकर की बेटी, बहन को अपशब्द कहने शुरु कर दिए।
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इसके बाद मंगलवार को मऊ में मायावती के खिलाफ अपशब्द कहने के लिए दयाशंकर ने माफी मांगी। दयाशंकर ने मायावती और उनके समर्थकों से क्षमा मांगी और कहा, "मेरी गिरफ्तारी से अगर मायावतीजी को अच्छा लगता है तो मैं अरेस्ट होने के लिए भी तैयार हूं"।
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आपको बता दें कि, इस मुद्दे पर जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो राज्यसभा में बीजेपी की ओर से अरुण जेटली ने भी माफी मांगी।