जन्मपत्री के आठवें घर में यदि शुक्र और शनि मौजूद हो और यदि इन्हें गुरू और शनि ना देख रहे हो तो इससे व्यक्ति नपुंसक हो सकता है।
व्यक्ति की कुंडली में यदि शुक्र बैठा हो, उसके छठें या आठवें घर में अगर शनि है तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है।
पैदा होते समय यदि शनि छठे या फिर बारहवें स्थान पर मीन राशि पर हो और इस स्थिति में कोई शुभ ग्रह शनि को ना देख रहा हो तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है।
मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ लग्न हो और वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन राशि में मंगल हो और इसकी दृष्टि लग्न स्थान यानी पहले घर या पहले घर के स्वामी पर हो तो व्यक्ति में अविकसित जननांग हो सकता है।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक जब गर्भ धारण में रक्त और रज की मात्रा बराबर हो जाती है तो व्यक्ति नपुंसक पैदा होता है।
ज्योतिषशास्त्र में और भी कुछ ऐसे ग्रह योग हैं जिससे व्यक्ति नपुंसक बन सकता है। लेकिन यह भी माना जाता है कि पिछले जन्म में जिस व्यक्ति ने पाप किए होते हैं उसे नए जन्म में किन्नर बनना पड़ता है।